पूरे राज्य की स्थिति पर शपथ पत्र पेश करने का आदेश
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने खारून नदी के कुंड में मूर्ति विसर्जन के बाद छोड़े गए अवश्ोष एवं सफाई नहीं कराए जाने से संबंधित खबरों कोस्वयं संज्ञान में लिया है। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों की स्थिति बहुत ही दुखद है, जिन्हें प्रदूषण मुक्त रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने मामले को सचिव नगरीय प्रशासन सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूरे प्रदेश की स्थिति पर व्यक्तिगत शपथ पत्र पेश करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने मामले में कहा है कि प्रतिमाओं के विसर्जन के बाद खारून कुंड को साफ नहीं किया गया’’ उक्त समाचार से पता चलता है कि खारुन नदी के किनारे बने तालाब में मूर्तियों के विसर्जन के बाद अवशेष वहीं छोड़ दिए गए हैं। मूर्तियों की मिट्टी और संरचनाएं वहीं रखी हुई हैं। पानी सूख गया है और दलदल बन गया है। इलाके के बच्चे इस दलदली तालाब में उतरकर खेल रहे हैं। उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। ऐसे में छोटी सी चूक भी खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती है। नगर निगम आयुक्त ने विसर्जन के बाद तालाब की तत्काल सफाई और पानी खाली करने के निर्देश दिए हैं। अखबार में छपी तस्वीर में जल निकायों की बहुत ही दयनीय स्थिति दिखाई दे रही है, जिन्हें हर तरह के प्रदूषण से मुक्त रखने की जरूरत है। कोर्ट ने उपरोक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए, सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वे पूरे राज्य के प्रत्येक जिले के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें, जहां विसर्जन हुआ है, ताकि यह पता चल सके कि क्षेत्र की सफाई की गई है या नहीं। जिला कलेक्टर, रायपुर भी रायपुर जिले के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें। मामले में महाधिवक्ता ने कहा है कि रायपुर कलेक्टर विसर्जन के बाद सफाई के लिए कदम उठाए हैं। मामले की 8 नवंबर को अगली सुनवाई होगी।