बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों के आसपास नशे की सामग्री की बिक्री को लेकर सख्त है। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी को हिदायत दी है कि वह तय करें कि इन स्थानों पर नशे की सामग्री की बिक्री पर पूरी तरह से अंकुश लगे।चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने कहा है कोटपा एक्ट के प्रावधान का सख्ती से पालन करने के लिए शासन को ठोस कदम उठाने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी।
राज्य भर में स्कूलों के आसपास सार्वजनिक जगहों पर नशे के सामानों की बिक्री के मामलों को जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। डिवीजन बेंच ने इस मामले में बिलासपुर के नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि निगम क्षेत्र में रोकथाम के लिए किए गए उपायों की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत करें।इससे पहले कोर्ट के निर्देश पर मुख्य सचिव ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया था। इसमें बताया गया कि स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर कोटपा एक्ट को प्रभावी कर दिया गया है।
शपथ पत्र में पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का दावा
मुख्य सचिव ने शपथ पत्र में बताया कि प्रदेश में स्कूलों के आसपास और सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। मुख्य सचिव ने यह भी जानकारी दी कि जिला और स्थानीय प्रशासन को कोटपा एक्ट के प्रावधानों का सख्ती से पालन करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
महाधिवक्ता ने रखा शासन का पक्ष, कहा संयुक्त अभियान चलाकर की जा रही कार्रवाई
राज्य शासन की ओर से पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने डिवीजन बेंच को बताया कि, कोटापा एक्ट के प्रावधानों के तहत पूरे प्रदेश में कार्रवाई की जा रही है। बिलासपुर जिला व पुलिस प्रशासन की तरफ से संयुक्त रूप से अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है।
इसके तहत प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर जुर्माना भी ठोका जा रहा है। डिवीजन बेंच ने बिलासपुर नगर निगम के कमिश्नर को शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने कहा है। कोर्ट ने पूछा कि निकाय क्षेत्र में कोटपा एक्ट के प्रावधानों को किस तरह लागू किया जा रहा है। पूरी कार्ययोजना बताने के निर्देश दिए हैं।