बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने नगरीय निकायों के परिसीमन को लेकर दायर सभी याचिकाओं को आधारहीन मानते हुए खारिज कर दिया है। बिलासपुर , रायपुर नगर निगम समेत कुछ अन्य निकायों में परिसीमन को चुनौती दी गई थी।
बिलासपुर सहित अन्य नगरी निकायों के तहत वार्डों का नए सिरे से परिसीमन किया गया है । इसे लेकर पूर्व कांग्रेस विधायक शैलेश पाण्डेय और ब्लाक कांग्रेस अध्यक्षों ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी । इसमें कहा गया कि , राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद सत्ताधारी दल द्वारा राजनीतिक लाभ लेने के लिए परिसीमन किया जा रहा है। इस पर सुनवाई के बाद फिर याचिकाकर्ता ने परिसीमन की अधिसूचना जारी किये जाने को भी अलग से चुनौती दी । इस पर हाईकोर्ट में जस्टिस पी पी साहू की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई । कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से कहा कि, पहले ही जब इस मुद्दे पर पिटीशन चल रही है तो दोबारा नोटिफिकेशन के लिए क्यों दायर की गई । जस्टिस श्री ने नाराजगी जताते हुए नई पिटीशन को वापस लेने का निर्देश दिया था । इसी तरह रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर की याचिका में भी वार्डों के परिसीमन को चुनौती दी गई.। हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था ।. रायपुर नगर निगम महापौर ढेबर ने पूर्व महाधिवक्ता और सीनियर एडवोकेट सतीश चंद्र वर्मा के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में वार्डों के परिसीमन के लिए रायपुर नगर निगम और जिला प्रशासन की अपनाई गई प्रक्रिया पर रोक लगाने और पहले की तरह चुनाव कराने की मांग की गई । आज हुई सुनवाई में जस्टिस साहू की सिंगल बेंच ने पाया कि , वार्डों का परिसीमन एक प्रशासनिक कार्य है , इसे चुनौती देने पेश सारी याचिकाएं आधारहीन हैं ।