00 अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई: 99 लीटर शराब और 1380 किलो लाहान जब्त
बिलासपुर। बिलासपुर जिले में अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग ने सख्त अभियान चलाया। आबकारी आयुक्त श्रीमती आर. संगीता और कलेक्टर बिलासपुर अवनीश शरण के निर्देशों पर, यह कार्रवाई की गई। अभियान का संचालन प्रभारी सहायक आयुक्त आबकारी नवनीत तिवारी के मार्गदर्शन में हुआ। इस कार्रवाई में सहायक जिला आबकारी अधिकारी कल्पना राठौर और आबकारी उपनिरीक्षक रमेश दुबे ने अहम भूमिका निभाई।
यह है पूरा मामला
तिथि: 21 दिसंबर 2024
कार्रवाई क्षेत्र:
आबकारी वृत्त तखतपुर
आबकारी वृत्त मस्तूरी
छापों की संख्या: 4
प्रकरण दर्ज: 4
गिरफ्तार आरोपी: 3
जप्त सामग्री:
99 लीटर महुआ शराब
1380 किलोग्राम महुआ लाहान
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प्रकरणों का विवरण
1. इंद्रजीत पिता रामलाल (ग्राम टिंगीपुर, थाना कोटा)
जप्त:
45 लीटर महुआ शराब
1080 किलोग्राम महुआ लाहान
स्थिति: आरोपी गिरफ्तार, प्रकरण दर्ज।
2. मंगल पिता पिसाऊराम (ग्राम सल्हेकापा, थाना कोटा)
जप्त: 7 लीटर महुआ शराब
स्थिति: आरोपी गिरफ्तार, प्रकरण दर्ज।
3. राजू पाटले पिता ताकत पाटले (ग्राम टिकारी, थाना मस्तूरी)
जप्त: 7 लीटर महुआ शराब
स्थिति: आरोपी गिरफ्तार, प्रकरण दर्ज।
4. ग्राम मनवा (शासकीय भूमि पर अवैध उत्पादन)
जप्त:
40 लीटर महुआ शराब
300 किलोग्राम महुआ लाहान
स्थिति: अज्ञात के खिलाफ प्रकरण दर्ज।
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कानूनी कार्रवाई
इन मामलों में छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) और 59(क) के तहत प्रकरण दर्ज किए गए।
सभी गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया।
अवैध शराब और महुआ लाहान का उत्पादन करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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क्यों हुई कार्रवाई
1. अवैध शराब के उत्पादन पर रोकथाम:
ग्रामीण इलाकों में महुआ शराब का उत्पादन व्यापक स्तर पर हो रहा था।
इसे रोककर क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया गया।
2. स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा:
अवैध शराब के सेवन से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
इस तरह की कार्रवाई से समाज में नशामुक्त वातावरण बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
3. शासन के निर्देशों का पालन:
प्रदेश सरकार ने नशे और अवैध शराब के खिलाफ सख्त अभियान चलाने का आदेश दिया है।
आबकारी विभाग इन निर्देशों का पालन करते हुए कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
जानिए छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के प्रावधान
धारा 34(2):
सजा: 1 से 5 साल की कैद।
जुर्माना: ₹50,000 तक।
धारा 59(क):
सजा: अधिकतम 10 साल की सजा।
जुर्माना: ₹1 लाख तक।
लक्ष्य: अवैध उत्पादन, भंडारण, और बिक्री रोकना।