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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नशे के सौदागरों की जड़ पर होगा कड़ा प्रहार

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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00 बिलासपुर रेंज में नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई: 77 मामलों में कार्यवाही, 12 अपराधी जेल भेजे गए

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला ने अवैध मादक पदार्थों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। रेंज के सभी जिलों में नशे के सौदागरों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस मुहिम का उद्देश्य न केवल मादक पदार्थों की खरीद-फरोख्त रोकना है, बल्कि इसके स्रोत को जड़ से खत्म करना है। इसके लिए स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार निवारण अधिनियम, 1985 (NDPS एक्ट) के तहत सख्त कार्यवाही की जा रही है।

ये हैं कार्यवाही के आंकड़े

बिलासपुर रेंज में अब तक कुल 77 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से सबसे अधिक 25 मामले बिलासपुर जिले से दर्ज किए गए। अन्य जिलों का योगदान निम्न प्रकार है:

कोरबा: 21 मामले

सक्ती: 13 मामले

जांजगीर-चांपा: 7 मामले

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: 5 मामले

रायगढ़: 4 मामले

मुंगेली और सारंगढ़: 1-1 मामला

इन प्रकरणों में से 12 मामलों में अपराधियों को जेल वारंट जारी कर जेल भेजा गया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि ये अपराधी जेल में बंद रहकर अपनी गतिविधियां जारी न रख सकें।

मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के क्या हैं निर्देश

प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि नशे के कारोबार से जुड़े लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उनकी इस मंशा को ध्यान में रखते हुए बिलासपुर रेंज के पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने बताया कि जिले में नशे के आदतन सौदागरों की संपत्ति तक जब्त की गई है। यह कार्रवाई प्रदेश में अपनी तरह की पहली पहल है, जो नशा विरोधी अभियान को नई दिशा प्रदान करती है।

आदतन अपराधियों की खैर नहीं

बिलासपुर रेंज में पुलिस विभाग ने आदतन अपराधियों की पहचान कर उनके खिलाफ विशेष कार्रवाई की है। इन अपराधियों पर स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम के तहत कड़ी सजा सुनिश्चित की जा रही है। रेंज में दर्ज मामलों को संभागायुक्त बिलासपुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, जिनमें प्रभावी निर्णय लिए जा रहे हैं। युवाओं युवाओं को नशे के दलदल से बचने का प्रयास

इस अभियान का उद्देश्य केवल नशे के व्यापार को रोकना नहीं है, बल्कि समाज में नशा मुक्त वातावरण तैयार करना है। यह पहल प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप है, जो समाज में इस बुराई को खत्म करने की दिशा में अग्रसर है। पुलिस प्रशासन का यह कदम न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाने में भी सहायक होगा।

जानिए NDPS अधिनियम के प्रावधान

1. सजा का प्रावधान: 10 से 20 वर्ष तक की सजा
स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 के तहत सजा का निर्धारण मादक पदार्थ की मात्रा के आधार पर किया जाता है:

छोटी मात्रा (Small Quantity): 1 वर्ष की सजा या ₹10,000 का जुर्माना या दोनों।

व्यावसायिक मात्रा (Commercial Quantity): 10 से 20 वर्ष की सजा और ₹1 लाख से ₹2 लाख तक का जुर्माना।

2. सुनवाई:
NDPS अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई विशेष NDPS कोर्ट में होती है। इन अदालतों का गठन केवल इस प्रकार के मामलों की सुनवाई के लिए किया गया है।

3. जमानत:
अधिनियम के तहत जमानत पाना बेहद कठिन है, क्योंकि इसमें सख्त प्रावधान हैं।

4. विशेष प्रावधान:
आदतन अपराधियों के लिए संपत्ति जब्ती का भी प्रावधान है। बिलासपुर रेंज में इसी प्रावधान के तहत नशे के सौदागरों की संपत्ति जब्त की गई है।

अवैध मादक पदार्थ और उससे होने वाले नुकसान

1. हेरोइन (Heroin):

उपयोग: तीव्र नशे के लिए इस्तेमाल।

स्वरूप: सफेद या भूरे रंग का पाउडर।

प्रभाव: अत्यधिक नशा और शारीरिक निर्भरता।

जोखिम: सांस लेने में दिक्कत, ओवरडोज से मौत।

2. कोकीन (Cocaine):

उपयोग: उत्साह बढ़ाने के लिए।

स्वरूप: सफेद क्रिस्टलीय पाउडर।

प्रभाव: अस्थायी उत्तेजना और मानसिक जागरूकता।

जोखिम: हृदय संबंधी समस्याएं और लत।

3. गांजा/भांग (Cannabis/Marijuana):

उपयोग: धूम्रपान या खाने के रूप में।

स्वरूप: सूखे पत्ते और फूल।

प्रभाव: मानसिक शांति, लेकिन दीर्घकालिक नुकसान।

जोखिम: मानसिक विकार और स्मृति क्षीणता।

4. अफीम (Opium):

उपयोग: पारंपरिक रूप से दर्द निवारण के लिए।

स्वरूप: भूरे रंग का गाढ़ा पदार्थ।

प्रभाव: त्वरित आराम लेकिन उच्च लत।

जोखिम: सांस संबंधी समस्याएं और मानसिक विकार।

5. सिंथेटिक ड्रग्स (Synthetic Drugs):

शामिल: MDMA (एक्स्टेसी), LSD, मेथामफेटामाइन।

प्रभाव: कृत्रिम उत्तेजना, भ्रम, और आनंद।

जोखिम: मानसिक विकार और शारीरिक हानि।

6. ट्रामाडोल (Tramadol):

उपयोग: दर्द निवारण, लेकिन अत्यधिक नशा के लिए भी इस्तेमाल।

स्वरूप: कैप्सूल या टैबलेट।

जोखिम: अत्यधिक उपयोग से नशा और निर्भरता।

7. नशीली शराब (Illegal Alcohol):

स्वरूप: अवैध तरीके से बनाई गई शराब।

जोखिम: जहरीली सामग्री के कारण स्वास्थ्य समस्याएं और मौत।

8. ब्राउन शुगर (Brown Sugar):

उपयोग: कम लागत वाला हेरोइन का रूप।

स्वरूप: हल्के भूरे रंग का पाउडर।

प्रभाव: तीव्र नशा और मानसिक निर्भरता।

जोखिम: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान।

9. नशीले सिरप (Cough Syrups):

उपयोग: गलत तरीके से नशे के लिए।

उदाहरण: कोरेक्स, फेंसिडिल।

प्रभाव: मानसिक शांति और धीमा संज्ञान।

जोखिम: लीवर की क्षति और लत।

10. इंजेक्शन ड्रग्स (Injected Drugs):

शामिल: मॉर्फिन, पेंटाजोसिन।

प्रभाव: तत्काल नशा और राहत।

जोखिम: संक्रमण और एड्स का खतरा।

ध्यान दें

अवैध मादक पदार्थों के उपयोग से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान होता है। इन पर रोकथाम और जागरूकता आवश्यक है।
संभागायुक्त ने 4 गांजा तस्करों को भेजा जेल
बिलासपुर, 21 दिसंबर/संभाग आयुक्त  महादेवकावरे ने एनडीपीएस एक्ट के तहत 4 लोगों को जेल भेज दिया है। उन्होंने प्रकरण में 3 और 6 माह के लिए जेल भेजने का आदेश जारी किया ।
संबंधित पुलिस अधीक्षकों के प्रतिवेदनों पर पिट एनडीपीएस एक्ट के तहत गांजा तस्करी में सलिप्त 4 लोगों को आयुक्त बिलासपुर संभाग श्री महादेव कावरे ने ३ और ६ माह के लिए जेल भेजने का आदेश जारी किया । इसमे किशोर सुखवानी, बिलासपुर जिला से, रमेश राठौर जिला गोरेला पेंड्रा मरवाही जिला से और 2 लोग जोधराम व हेमलाल जांजगीर चांपा जिला से शामिल हैं ।

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