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छत्तीसगढ़ में आरक्षक भर्ती पर हाई कोर्ट की रोक

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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पुलिसकर्मियों के बच्चों को दी गई छूट पर विवाद, भेदभाव का आरोप
बिलासपुर।छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आरक्षक संवर्ग 2023-24 की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यह रोक पुलिस विभाग द्वारा पुलिसकर्मियों और पूर्व सैनिकों के बच्चों को दी गई विशेष छूट को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई के बाद लगाई गई। कोर्ट ने इसे अन्य उम्मीदवारों के साथ भेदभावपूर्ण करार दिया है।

क्या है मामला:
याचिकाकर्ता बेदराम टंडन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका पुत्र राजनांदगांव में आरक्षक (जनरल ड्यूटी) पद के लिए आवेदनकर्ता था। इस जिले में कुल 143 पदों पर भर्ती होनी थी। भर्ती प्रक्रिया के बीच डीजी पुलिस ने पुलिसकर्मियों और पूर्व सैनिकों के बच्चों को विशेष छूट देने का प्रस्ताव दिया, जिसमें ऊंचाई और सीने की चौड़ाई जैसे मापदंडों में शिथिलता की बात कही गई।

कोर्ट की दलीलें और निर्णय:
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि यह छूट केवल पुलिसकर्मियों और पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए लागू की जा रही है, जिससे अन्य उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन हो रहा है। जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता की दलीलों को स्वीकार करते हुए भर्ती प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी।

भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण का प्रावधान:

प्रदेश भर में पुलिस भर्ती में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षण की व्यवस्था पहले से लागू है। लेकिन पुलिसकर्मियों और पूर्व सैनिकों के बच्चों को अतिरिक्त छूट देना नए विवाद का कारण बन गया।

क्या कहते हैं कानून के जानकार?

विधि विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण और छूट के प्रावधानों को समानता के सिद्धांतों के अनुसार ही लागू किया जाना चाहिए। केवल एक वर्ग को विशेष छूट देने से संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन होता है।

प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया का प्रभाव:

इस फैसले से प्रदेशभर में पुलिस भर्ती की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। छत्तीसगढ़ में हजारों युवा आरक्षक पदों के लिए आवेदन करते हैं। हाईकोर्ट का यह फैसला भविष्य में भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

अगली सुनवाई:
मामले की अगली सुनवाई में यह तय होगा कि भर्ती प्रक्रिया में संशोधन को पूरी तरह से रद्द किया जाएगा या सरकार कोई नया प्रस्ताव लाएगी।

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