00 छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में छात्रों ने विश्वविद्यालय का किया घेराव
बिलासपुर।गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी (GGU) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने जमकर प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन का घेराव किया। छात्रों ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन यूजीसी के दिशानिर्देशों का पालन किए बिना जल्दबाजी में सेमेस्टर परीक्षाएँ करा रहा है, जबकि कोर्स अभी तक अधूरा है।
प्रदर्शन की मुख्य माँगें:
1. कोर्स पूरा कराने की माँग: छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी ने सेमेस्टर परीक्षा की तारीखें घोषित कर दी हैं, जबकि अधिकांश विभागों में कोर्स अधूरा है।
2. यूजीसी नियमों का पालन: यूजीसी के अनुसार, परीक्षा से पहले न्यूनतम 90 कक्षाओं का आयोजन अनिवार्य है, लेकिन यह नियम पूरी तरह से अनदेखा किया गया है।
3. अकैडमिक कैलेंडर का पालन: छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में अकैडमिक कैलेंडर का पालन नहीं हो रहा है, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है।
4. सीमित सिलेबस पर परीक्षा: यदि जल्दबाजी में परीक्षा आयोजित करनी है, तो केवल पढ़ाए गए सिलेबस के आधार पर ही परीक्षा हो।
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छात्र नेताओं के बयान:
अराध्य तिवारी (अध्यक्ष, AVBP यूनिवर्सिटी इकाई):
“छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम चाहते हैं कि यूनिवर्सिटी प्रशासन यूजीसी के नियमों का पालन करे और छात्रों के हित में कदम उठाए।”
शशांक सोनवानी (सचिव, AVBP):
“पढ़ाई पूरी हुए बिना परीक्षा कराना छात्रों के साथ अन्याय है। अगर हमारी माँगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो हम उग्र आंदोलन करेंगे।”
रजिस्ट्रार का आश्वासन:
छात्रों की समस्याओं को सुनने के बाद रजिस्ट्रार ए.एस. रणदिवे ने आश्वासन दिया कि छात्रहित में उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों की माँगों पर गंभीरता से विचार करेगा और जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
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विशेष बॉक्स: गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी की गड़बड़ियाँ
1. अधूरी पढ़ाई: विश्वविद्यालय में कोर्स पूरा नहीं कराया जा रहा है, लेकिन परीक्षाएँ आयोजित की जा रही हैं।
2. अकैडमिक कैलेंडर की अनदेखी: तयशुदा कैलेंडर के अनुसार कक्षाएँ नहीं चल रही हैं।
3. यूजीसी दिशानिर्देशों का उल्लंघन: 90 कक्षाओं की न्यूनतम सीमा पूरी नहीं की जा रही।
4. संचालन में अव्यवस्था: प्रशासनिक लापरवाही और समय पर निर्णय न लेने से छात्र प्रभावित हो रहे हैं।
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छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़:
शैक्षणिक गुणवत्ता पर असर: अधूरे कोर्स के कारण छात्रों को परीक्षाओं में कठिनाई होगी, जिससे उनके प्रदर्शन पर असर पड़ेगा।
भविष्य की चिंता: जल्दबाजी में परीक्षाएँ आयोजित होने से छात्रों का भविष्य दांव पर है।
न्याय की माँग: छात्र चाहते हैं कि परीक्षा तभी कराई जाए जब कोर्स पूरा हो और सभी नियमों का पालन किया जाए।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
AVBP ने चेतावनी दी है कि अगर माँगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। अब देखना होगा कि गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी प्रशासन इस स्थिति से कैसे निपटता है और छात्रों की समस्याओं का समाधान करता है।