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होटल महुआ की जमीन बिक्री और  नाला पर कब्जे का मामला: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कलेक्टर और निगम आयुक्त से जवाब मांगा

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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पुराने बस स्टैंड क्षेत्र में है जमीन

बिलासपुर। हाई कोर्ट ने शहर के महत्वपूर्ण नाला पर कथित कब्जे और होटल महुआ की जमीन की विवादित बिक्री के मामले में बिलासपुर कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। यह जनहित याचिका सिंधी कॉलोनी निवासी शंकर लाल ने अधिवक्ता सरफराज खान के माध्यम से दायर की है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 28 नवंबर 2024 तय की है।

क्या है मामला

याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुराना बस स्टैंड चौक के पास कृषि भूमि पर बिना डायवर्सन के होटल महुआ का निर्माण किया गया था। इसके बाद इस भवन को 56 करोड़ रुपये में बेचा गया। आरोप है कि बिना किसी वैध अनुमति के इस भवन को तोड़कर टुकड़ों में बेच दिया गया और साथ ही पास में स्थित बड़े निस्तारी नाला पर अवैध कब्जा कर लिया गया।

न्यायालय की सख्ती

सोमवार को इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की(डीबी में हुई। न्यायालय ने बिलासपुर कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। याचिका में राज्य शासन, नगर निगम, नगर तथा ग्राम निवेश विभाग, तहसीलदार, और भूमि स्वामी प्रदीप बजाज सहित 15 पक्षकारों को शामिल किया गया है।

याचिका काक्या है उद्देश्य

याचिकाकर्ता का कहना है कि निस्तारी नाला पर अवैध कब्जा सार्वजनिक हित के खिलाफ है और इससे शहर की जल निकासी व्यवस्था प्रभावित हो रही है। उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि इस अवैध कब्जे को तत्काल हटाया जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

अगली सुनवाई 28  को

हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे 28 नवंबर 2024 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। तब तक प्रशासन को मामले की पूरी जानकारी और कार्रवाई की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी।यह मामला बिलासपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है और हाई कोर्ट की इस कार्रवाई से प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। अब सभी की निगाहें 28 नवंबर को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं।

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