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स्कूल जतन योजना: अफसर और ठेकेदारों ने खुद को लिया संवार…78 बिल्डिंग में उभरी भ्रष्टाचार की तस्वीर

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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00 छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में स्कूल भवनों की छतों से गिरा प्लास्टर, सीपेज की समस्या भी आम, मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश तब हुई जांच

00 मालामाल हो गए निर्माण एजेंसी और ठेकेदारों से होगी वसूली

00 ठेकेदार होंगे ब्लैकलिस्टेड, कलेक्टर ने दिया आदेश
बिलासपुर। मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना अंतर्गत जिले में शासकीय स्कूल भवनों की जांच करायी गयी। कार्या के परीक्षण और मूल्यांकन में जाँच टीम द्वारा 78 कार्यो में भारी गड़बड़ी पाई गयी है। इन 78 कार्यो में छत का प्लास्टर गिरा हुआ है, पुट्टी खिड़की नही लगी है, छत से सीपेज पानी का रिसाव होना जैसी गड़बड़ियां मिली है। कलेक्टर ने आयुक्त नगर निगम, आर.ई.एस. के कार्यपालन अभियंता और संबंधित सी.एम.ओ. को पत्र जारी करते हुए इस्टीमेट के अनुसार कार्य संपादित नहीं करने वाले निर्माण एजेंसी व ठेकेदारों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं । उन्होंने ऐसे ठेकेदारो को ब्लैकलिस्टेड करते हुए पालन प्रतिवेदन से अवगत् कराने भी कहा है।

मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना से छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 900 से अधिक स्कूलों के कायाकल्प का दावा निकला खोखला

छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती सरकार की महत्वाकांक्षी “मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना” के तहत बिलासपुर जिले के 900 से अधिक स्कूलों के भवनों का व्यापक रूप से सुधार किया जा रहा है। राज्य सरकार का यह कदम बच्चों को एक बेहतर शैक्षिक वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिसमें स्कूल भवनों को सुरक्षित, स्वच्छ और आकर्षक बनाने पर जोर दिया गया है। यह कार्य जिला प्रशासन के निर्देशन में हो रहा है, जिसमें मुख्य भूमिका शिक्षा विभाग और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग निभा रहे हैं।

74 करोड़ रुपए का बजट और विभिन्न सुधार कार्य

इस योजना के तहत बिलासपुर जिले में स्कूल भवनों के सुधार के लिए कुल 74 करोड़ 74 लाख रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। योजना के अंतर्गत स्कूलों में दीवारों पर प्राकृतिक गोबर पेंट का उपयोग कर पुताई का काम किया जा रहा है, जो पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही भवनों को एक नया और आकर्षक रूप दे रहा है। इसके अलावा, स्कूल भवनों की छतों की मरम्मत, शौचालयों की पुनःस्थापना, पॉलिशिंग, साज-सज्जा, और रंग-रोगन जैसे कार्य किए जा रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, यह योजना बच्चों के शैक्षणिक अनुभव को और भी बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध हो रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में खुशी थी की लहर, उम्मीद थी कि छात्रों को मिलेगा सुरक्षित और सकारात्मक परिवेश

इस योजना के तहत अब तक कई स्कूलों के भवनों का कायाकल्प कर दिया गया है, जिससे स्कूलों की दशा पहले से काफी बेहतर हो गई है। जिन स्कूलों में सुधार का कार्य पूरा हो चुका है, वहां बच्चों और शिक्षकों के साथ-साथ ग्रामीणों ने भी योजना की सराहना की है। कई अभिभावकों का कहना है कि इस योजना से उनके बच्चों को स्वच्छ और सुरक्षित स्थान पर पढ़ने का अवसर मिल रहा है। इस योजना के प्रति लोगों में सकारात्मक भावना देखने को मिल रही है, जो सरकार की जनोपयोगी नीतियों की ओर एक अच्छा संकेत है, लेकिन प्रदेश में सरकार बदलते ही इस योजना में बड़ा खेल हो गया। मौके का फायदा उठाकर अफसर और ठेकेदार मालामाल हो गए।

बच्चों के बेहतर भविष्य की ओर एक प्रयास

मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना से न केवल सरकारी स्कूलों के भवन बेहतर हो रहे हैं, बल्कि बच्चों के शैक्षणिक अनुभव को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित किया जा रहा है। इसके माध्यम से बच्चों को सुरक्षित, स्वच्छ, और सुंदर शैक्षिक माहौल उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है, ताकि वे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें और उनका सर्वांगीण विकास हो सके।


कलेक्टर पहुंचे स्कूल, बच्चों को पढ़ाया भूगोल

नए भवन में स्कूल शिफ्ट करने दिए निर्देश

पशु आश्रय स्थल का किया निरीक्षण

शासकीय योजनाओं का मैदानी हालात जानने दौरे पर निकले कलेक्टर

स्कूली बच्चों की क्लास लेते कलेक्टर अवनीश शरण।

बिलासपुर। कलेक्टर अवनीश शरण ने आज बेलतरा तहसील के कई ग्रामों का सघन दौरा किया। शासकीय योजनाओं का फील्ड स्तर पर क्रियान्वयन का हालात नजदीक से देखने निकले थे। कलेक्टर खैरखुंडी गांव के प्राइमरी और मिडिल स्कूल पहुंचे। उन्होंने बच्चों से चर्चा कर उनको मार्गदर्शन दिया। बच्चों को भूगोल का पाठ पढ़ाया। बच्चों से सवाल पूछे और उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने प्राइमरी स्कूल को नए भवन में तत्काल शिफ्ट करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने रानीगांव में पशु आश्रय स्थल का भी जायजा लिया। कलेक्टर  शरण ने सबसे पहले खैरखुंडी गांव के प्राथमिक स्कूल और मिडिल स्कूल का निरीक्षण किया। यहां बच्चे भूगोल विषय का अध्ययन कर रहे थे। उन्होंने बच्चों से पूछा कि पृथ्वी पर कितना प्रतिशत जल है और 17 का पहाड़ा भी पूछा। बच्चों का मुंह भी मीठा कराया। कलेक्टर ने मध्याह्न भोजन कक्ष में जाकर भोजन की गुणवत्ता भी परखी। बच्चों से मध्याह्न भोजन के विषय में जानकारी ली। प्राइमरी स्कूल को तत्काल नए भवन में शिफ्ट करने कहा। इसके बाद कलेक्टर रानीगांव पहुंचे। यहां उन्होंने पशु आश्रय स्थल का जायजा लिया। आवारा पशुओं की देखरेख के लिए हर ब्लॉक में दो -दो पशु आश्रय स्थल बनाया जा रहा है। यहां आवारा किस्म के पशुओं को रखा जा रहा है जो सड़क में दुर्घटना का कारण बनते हैं। यहां पूर्व से उपलब्ध अधोसंरचना का ही उपयोग किया जा रहा है। जिन पशुओं के मालिक हों, उन्हें नहीं बल्कि आवारा और सड़क दुर्घटना का कारण बन रहे पशुओं को ही यहां पनाह दी जाएगी। इस अवसर पर संयुक्त कलेक्टर श्री मनीष साहू, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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