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रेस्क्यू टाइगर ने छत्तीसगढ़ के गुरुघासीदास टाइगर रिजर्व में भरी दहाड़

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के कसडोल से मंगलवार को रेस्क्यू किए गए टाइगर को कोरिया जिले में स्थित गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व एरिया में बुधवार को छोड़ गया। लगभग 8 महीनों तक बारनवापारा अभ्यारण्य में रहने के बाद, टाइगर अब इस नए जंगल में स्वतंत्र रूप से विचरण कर रहा है। जंगल में प्रवेश करते समय उसकी ऊर्जा और गति स्पष्ट रूप से उसकी स्वस्थ स्थिति और शिकार करने की क्षमता को दर्शाती है।

 विशेष तथ्य: गुरुघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व

भारत का 56वां टाइगर रिजर्व:
11 नवंबर को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इसे आधिकारिक अधिसूचना के तहत टाइगर रिजर्व घोषित किया गया।

तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व:
2,829.387 वर्ग किलोमीटर में फैला यह टाइगर रिजर्व, देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है।

भौगोलिक विस्तार:
छोटा नागपुर और बघेलखंड पठार में फैले इस रिजर्व में घने जंगल, नदियाँ और झरने मौजूद हैं।

बाघों का महत्वपूर्ण आवास:
यहाँ बाघों के अलावा 753 प्रजातियों के जीव-जंतु, 230 प्रजातियों के पक्षी और 55 प्रजातियों के स्तनधारी पाए जाते हैं।

 क्यों है यह रिजर्व खास?

गुरुघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व की सीमा मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व से लगती है। इस वजह से यह क्षेत्र बाघों के आवागमन के लिए एक महत्वपूर्ण कॉरिडोर भी बनाता है।

संरक्षण का नया अध्याय:
इस नए टाइगर के आगमन से रिजर्व में बाघों की संख्या अब 5 हो गई है, जिससे यह रिजर्व और भी समृद्ध और संरक्षित हो गया है।

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