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पीएम आवास में कोताही, डिप्टी सीएम के खिलाफ खोला मोर्चा

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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0 मिनीमाता बस्ती में 725 आवासों का होना है निर्माण, काम शुरू नहीं होने से 174 परिवारों को हो रही

नगर निगम बिलासपुर के वार्ड क्र. 25 मैं गरीबों के आवास पर चला था बुलडोजर

बिलासपुर। तालापारा मिनी बस्ती में नगर निगम ने गरीबों के आवास पर बुलडोजर तो चला दिया लेकिन उनके रहने के लिए आवास का इंतजाम अभी तक नहीं किया है। मोहल्ले वासियों का दावा है कि यहां पर 700 से अधिक पीएम आवास का निर्माण होना है पर 174 परिवार अभी भी अस्थाई आवास में रहने का मजबूर है। इसे लेकर उन्होंने डिप्टी सीएम के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया ।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तालापारा मिनीमाता बस्ती में 725 आवासों के निर्माण की योजना मार्च 2022 में तैयार की गई थी, लेकिन अब तक इसका निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। इस देरी के कारण वार्ड क्र. 25, क्रांतिकुमार भारतीय नगर के 174 परिवारों को अस्थायी आवास में रहना पड़ रहा है, जिससे उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।नगर पालिक निगम, बिलासपुर द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 174 परिवारों के घरों को तोड़कर उन्हें मधुबन में अस्थायी रूप से बसाया गया था। निगम ने आश्वासन दिया था कि नए आवास 6 महीने से एक साल के भीतर बनाकर इन परिवारों को फिर से स्थानांतरित कर दिया जाएगा। लेकिन दो साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।

Pm आवास मैं गड़बड़ी को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

गढ़वट पंचायत की बैठक में भ्रष्टाचार के आरोप,  जिला प्रशासन से एक्शन लेने की मांग

बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत गढ़वट के पूर्व सरपंच कपिल कश्यप और सचिव प्रीति बैस के खिलाफ प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में गंभीर अनियमितताओं के आरोप ग्रामीणों ने लगाए गए हैं। आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर उन्होंने कलेक्टर के सामने जमकर प्रदर्शन भी किया।ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि 2016 में आयोजित ग्राम सभा की बैठक में 545 हितग्राहियों की अनुमोदित सूची को गायब कर दिया गया, जिसमें से 124 हितग्राही आज भी योजना से वंचित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम सभा के दौरान 545 लोगों के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अनुमोदित किए गए थे, जिसमें से 421 हितग्राही पात्रता सूची में शामिल थे। बाकी 124 हितग्राहियों का नाम सूची से गायब है। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत के सचिव धरमलाल धीवर और प्रीति बैस ने इस सूची को गबन कर लिया है। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर भी पंचायत और प्रशासन ने कोई उत्तर नहीं दिया।

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