0 संभाग के अन्य अस्पताल में इसकी सुविधा नहीं सुविधा नहीं
बिलासपुर। आंख से संबंधित बीमारियों के इलाज में प्राइवेट हॉस्पिटल लोगों से हजारों रुपए वसूल रहे हैं। जबकि सिम्स में गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज फ्री में हो जा रहा है। इसी कड़ी में नेत्र रोग चिकित्सकों ने भी कमाल कर दिखाया। 20 से अधिक आंखों के तिरछेपन का सफल ऑपरेशन कर संभाग का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है।
सिम्स के नेत्र रोग विशेषज्ञ का कहना है की आंखों के तिरछेपन को आम भाषा में भेंगापन कहा जाता है। मेडिकल भाषा में इसे squint कहा जाता है। जिसमें मरीज की आंख सीधी रहने के बजाय बाहर या अंदर की तरफ घूमी हुई रहती है। आमतौर पर यह बीमारी बचपन से ही मरीज को दिखाई देने लगती है जिसके कारण मरीज की आंख की रोशनी भी कमजोर हो जाती है। मरीज इसके कारण एक मानसिक दबाव से गुजरने लगता है और लोगों के बीच में अपने आपको ले जाने से परहेज करने लगता है ताकि वह उपहास का कारण न बने। साथ ही शादी और जॉब में भी लोगों को परेशानी होने लगती है । लोगों को यह जानकारी ही नहीं हो पाती है कि इसका इलाज संभव है। इसके लिए उम्र देखने की जरूरत नहीं है आप बीमारी का पता लगते ही तुरंत आकर परामर्श ले सकते हैं और इलाज कर सकते हैं।इसलिए अब परेशानी भूल जाएं क्योंकी आपको बताते हुए सिम्स को गौरव हो रहा है कि तिरछेपन का ऑपरेशन द्वारा इलाज संभव करके सिम्स ने छत्तीसगढ़ में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अब मरीज को इसके महंगे ऑपरेशन के लिए राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। विगत 2 वर्षों में सिम्स की नेत्र रोग सर्जन डॉ प्रभा सोनवानी ने अपने टीम के साथ मिलकर 20 से भी अधिक बच्चों, युवक एवं युवतियों के तिरछेपन का ऑपरेशन द्वारा सफल ऑपरेशन करवाया है जिस से इनका आंख अब सीधा हो गया है। आंख के सीधे हो जाने से इनके जीवन में एक नया उजाला आया है और इनके मनोबल को बढ़ावा मिला है। तिरछेपन से जॉब और शादी में आने वाली दिक्कतों से भी मुक्ति मिली है। एवं मरीजों ने अपने उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम बढ़ाया है।