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अच्छी खबर, सिम्स में मिला 300 बच्चों को नया जीवनदान, जानिए कैसे…

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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0 डीन और अस्पताल अधीक्षक की पुरानी जोड़ी से नई उम्मीद जागी

बिलासपुर।। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग स्थित सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज सिम्स में 300 बच्चों को नया जीवनदान मिला है। यहां के डॉक्टरों नेबनाया नया कीर्तिमान, 300 क्लब फुट (टेढ़े मेढ़े) पैरो वाले बच्चों में एक नई उम्मीद जगा दी है। ज सिम्स के हड्‌डी रोग विशेषज्ञ डॉ.दीपक जांगड़े औरउनकी टीम ने यह मुकाम किया हासिल।।बिलासपुर –संभाग के सबसे बड़े सिम्स हॉस्पिटल में दूर दराज से मरीजों का आना होता है, सिम्स हॉस्पिटल ने छोटे बड़े मरीजों का सफल ऑपरेशन कर उन्हें नवजीवन दिया है। हाल ही में सिम्स ने नया मुकाम हासिल किया है है,सिम्स के हड्डी रोग विभाग के डॉक्टर दीपक जांगड़े और टीम ने 300 क्लब फुट (टेढ़े मेढ़े ) पैरो वाले बच्चो ठीक कर नया कीर्तिमान बनाया है और बच्चो को टेढ़े मेढ़े पैरो से निजात दिलाया है 300 का गर्व की बात है जिसे सिम्स के डॉक्टर ने यह मुकाम हासिल किया है। वही अधिष्ठाता प्रोफेसर रमेश मूर्ति और अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर लाखन सिंह की जोड़ी अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने खूब मेहनत करने में जुटी हुई है।सिम्स के हड्‌डी रोग विशेसज्ञ डॉ दीपक जांगड़े बताते है की क्लब फुट (टेढ़े मेढ़े पैर)बच्चों में एक जन्मजात बीमारी है किसी बच्चो में एक तो किसी में दोनों पैरो में टेढ़ा पन रहता है पहले के समय में लोगो को जानकारी के आभाव में इसका इलाज नहीं करवाते थे जिससे बच्चो का पैर हमेशा के लिए टेढ़ा रह जाता था परन्तु कुछ सालो में सिम्स में ऐसे बच्चो का इलाज सुरु किया गया और आज 300 बच्चो का सफलता पूर्वक इलाज कर पैर सीधा किया गया।जन्म से 2 वर्ष तक के बच्चो को 4-5 प्लास्टर लगाकर बाद में छोटा ऑपरेशन कर जूता पहनाया जाता है,जिससे पैर पूरी तरफ सीधा हो जाता है हर दिन सिम्स की ओपीडी में 1-2 बच्चे आते हैं सिम्स के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ राकेश नहरेल और टीम का विशेष योगदान है। जो बच्चे की जांच कर हड्डी रोग विभाग में भेजते है जहा हड्‌डी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ऐ आर बेन के मार्गदर्शन में बच्चो का निशुल्क प्लास्टर और ऑपरेशन के माध्यम से इलाज किया जाता है कोई भी बच्चा सिम्स आकर निशुल्का अपना इलाज करा सकता है।इस 300  के इलाज की उपलब्धि में डॉ ऐ आर बेन, डॉ राकेश नहरेल, डॉ संजय घिल्ले, डॉ तरुण ठाकुर, डॉ अविनाश अग्रवाल, डॉ सागर डॉ सुभम निश्चेतना विभाग – डॉ भावना रायजादा, डॉ प्रशांत पैकरा,सिस्टर बहादुर, योगेश्वरी, ऋतू, छनु का विशेष योगदान है जिनकी मेहनत से ये मुकाम हासिल हुआ है, इस उपलब्धि में सिम्स के डीन डॉ मूर्ति, हॉस्पिटल प्रभारी डसिंह, डॉ बीपी सिंह, डॉ अर्चना सिंह, डॉ भूपेंद्र कश्यप ने हड्डी रोग विभाग और सभी डॉक्टर को बधाई दी।

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