बिलासपुर।लीड लेस पेसमेकर ह्रदय की सेहत हेतु नई तकनीक।
अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर ने पुनः एक नई तकनीक का उपयोग कर मरीज को नवजीवन प्रदान किया। अपोलो हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर महेंद्र प्रसाद सामल ने जानकारी देते हुए बताया कि अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में एक उम्र दराज मरीज को लीड लेस पेसमेकर सफलतापूर्वक लगाया गया एवं मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ एवं सामान्य दिनचर्या संपादित कर रही है। उन्होंने आगे बताया कि लीड लेस पेसमेकर ह्रदय की धड़कन को नियंत्रित करने का एक नवीनतम एवं सुरक्षित तरीका है तथा रोगियों के स्वास्थ्य हेतु एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। सामान्य लीड युक्त पेसमेकर की तुलना में लीड लेस पैक पेसमेकर के लाभ बताते हुए कहा कि लीड लेस पेसमेकर में वायर ना होने की वजह से संक्रमण का खतरा अत्यधिक कम होता है। सामान्य लीड युक्त पेसमेकर की तुलना में सरलता से स्थापित किया जा सकता है। इसे एक छोटे से छेद के माध्यम से हृदय के भीतर लगाया जाता है इसलिए इसकी प्रक्रिया भी सामान्य पेसमेकर लगाने की प्रक्रिया की अपेक्षा कम जोखिम युक्त है।
अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में 83 वर्षीय महिला ने हृदय की अनियंत्रित धड़कन की समस्या के साथ वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर में एम पी सामल से सलाह ली। परीक्षण उपरांत डॉक्टर सामल ने उन्हें लीड लेस पेसमेकर की सलाह दी तथा तीन-चार दिन पूर्व ही डाक्टर सामल ने उन्हें लैडलेस पेसमेकर सफलतापूर्वक लगाया व आज वह पूरी तरह सामान्य महसूस कर रही है एवं अपने दैनिक क्रियाकलाप सामान्य रूप से कर पा रही हैं। डॉ सामल ने बताया कि जहां एक और सामान्य पेसमेकर को सर्जरी के द्वारा त्वचा के नीचे लगाया जाता है वहीं इस लीड लेस पेसमेकर को एक छोटे से छेद के माध्यम से हृदय के भीतर लगाया जाता है जिससे यह शरीर के बाहर दिखाई नहीं देता।
83 वर्षीय महिला जिन्हें लैडलेस पेसमेकर लगाया गया उन्होंने आज पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीकी विकास का लाभ आज उन्हें उम्र के इस पड़ाव में मिला है जिससे वह बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं।तकनीकी विकास से स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है।
डॉ अनिल गुप्ता , चिकित्सा अधीक्षक अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर ने बताया कि अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन सेवाओं के लिएकुशल प्रशिक्षित चिकित्सक नर्सों सहित सपोर्ट टीम सदैव उपलब्ध हैं ।