बिलासपुर।बंदरों का उत्पात इन बैगा आदिवासी परिवारों के लिए अब मायने नहीं रखता। बंदरों की शैतानी से उनके घर को अब किसी तरह का नुकसान भी नहीं होता। जंगलों के बीच बसे करका गांव (कोटा) के हीरा बाई व मेलूराम बैगा को पीएम जनमन योजना के तहत पक्का आवास बन जाने से संभव हो सका है। बंदरों के घर के छत में कूदफांद की ओर उनका अब ध्यान भी नहीं जाता। बंदरों का आतंक और नुकसान अब उनके लिए बीते दिनों की बात हो गई है।
जिले के कोटा विकासखण्ड के ग्राम करका के रहने वाले जनजाति परिवार के मेलूराम बैगा और इसी गांव की रहने वाली श्रीमती हीरा बाई को पीएम जनमन आवास योजना के तहत पक्का घर मिला है। मेलूराम बैगा ने बताया कि उनका गांव जंगल के बीच है और यहां कच्चे घरों में बंदरों का आतंक बना रहता है। कच्चे घर में बंदर आए दिन नुकसान पहुंचाते थें। कच्चे घर की खप्परों को तोड़ दिया करते थें जिसके कारण बरसात में पानी टपकता था। परिवार हर समय चिंतित रहता था। सरकार से मिली 2 लाख रूपए की मदद से अब उनका पक्का घर बन चुका है और परिवार खुशी से पक्के घर में जीवन यापन कर रहा है। अब उन्हें कच्चे घर में होने वाली दिक्कतों से छुटकारा मिल गया है। मेलूराम बैगा ने पक्की छत देने के लिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
इसी तरह करका गांव की श्रीमती हीरा बाई बैगा ने बताया कि उनका गांव जंगल और पहाड़ों के बीच बसा है, ऐसे में जहरीले जीव-जन्तुओं के साथ बंदरों का भी आतंक बना रहता था। बंदर उनके मिट्टी के घरों को काफी नुकसान पहंुचाया करते थे। लेकिन अब पक्की छत होने से बंदरों की उछल कूद से भी कोई फर्क नहीं पड़ता। हीरा बाई बैगा ने पक्का घर देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताया है।
उल्लेखनीय है कि पीएम जनमन योजना के तहत जनजाति परिवारों को शासन की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने की पहल की जा रही है।