दक्षिण अफ्रीका के डरबन में आयोजित है प्रतियोगिता
बिलासपुर।छत्तीसगढ़ के खेल इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है। प्रदेश के प्रतिभाशाली कराते खिलाड़ी डी. राजेश 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक दक्षिण अफ्रीका के डरबन में आयोजित होने वाली 11वीं कॉमनवेल्थ कराते प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भारत के कुल 52 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ से डी. राजेश अकेले खिलाड़ी हैं जिन्होंने राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई है।
डी. राजेश ने न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए यह गौरव अर्जित किया है। उनकी यह उपलब्धि उनके कठोर परिश्रम और समर्पण का परिणाम है। उन्हें इस वर्ष छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सबसे प्रतिष्ठित खेल सम्मान “पंकज विक्रम अवार्ड” से सम्मानित किया गया है। यह अवार्ड खेल के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है।
कोच की महत्वपूर्ण भूमिका
डी. राजेश की सफलता में उनके कोच श्री रमेश जी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। रमेश जी को भी राज्य शासन ने “वीर हनुमान अवार्ड” से सम्मानित किया है, जो सर्वश्रेष्ठ कोच के रूप में उनकी भूमिका को दर्शाता है। कोच रमेश जी ने राजेश को न केवल तकनीकी तौर पर मजबूत बनाया है बल्कि उनमें खेल के प्रति अनुशासन और दृढ़ता भी विकसित की है।
छत्तीसगढ़ कराते अकादमी का योगदान
भारत कराते अकादमी के राज्य प्रमुख श्री खेत्रो महानंद ने डी. राजेश को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि यह न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने राजेश को स्वर्ण पदक जीतने की शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि वे भारत के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे।
छत्तीसगढ़ में उत्साह का माहौल
राजेश की इस उपलब्धि से छत्तीसगढ़ के खेल जगत में हर्ष और उत्साह का माहौल है। प्रदेश के युवा खिलाड़ियों के लिए यह एक प्रेरणा है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से किसी भी ऊंचाई को छुआ जा सकता है। राजेश की यह यात्रा छत्तीसगढ़ के खेल इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी।
इस प्रतियोगिता में राजेश का प्रदर्शन न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि होगी, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की खेल संस्कृति और प्रतिभा का वैश्विक मंच पर प्रदर्शन भी करेगा। सभी की निगाहें अब डरबन में होने वाले मुकाबले पर टिकी हैं, जहां डी. राजेश से स्वर्ण पदक की उम्मीद की जा रही है।