बिलासपुर । 26 नवंबर संविधान दिवस के पावन अवसर पर आल इंडिया बुद्धिस्ट फोरम के द्वारा बिहार के बौद्धगया में महाबोधि महाविहार (मन्दिर) के प्रबंधन के संदर्भ में बौद्ध धार्मिक समुदाय के लिए न्याय को लेकर बिलासपुर के बौद्ध अनुयायिओं ने माननीय राज्यपाल, मुख्यमंत्री को जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से ज्ञापन सौपां। गौरतबल है कि विगत कई वर्षों से बिहार के बौद्धगया महाविहार का संचालन बौद्ध अनुयायिओं द्वारा नहीं किया जा रहा है, जबकि पूरे भारत के बौद्ध अनुयायिओं द्वारा लगातार शासन प्रशासन को बौद्ध अनुयायिओं के हाथों महाबोधि विहार का संचालन सौंपने के लिए आंदोलन तथा ज्ञापन देते आ रहे हैं इसी क्रम में बिलासपुर, छत्तीसगढ़ शाखा आल इंडिया बुद्धिस्ट फोरम तथा जिले के अन्य सामाजिक संस्थानों ने बाबा साहेब प्रतिमा से शांतिपूर्ण रैली निकालकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, ज्ञापन में लेख है कि प्रमुखत: बौद्धगया मन्दिर अधिनियम 1949 को निरस्त करना तथा एक नई स्वायतत् संस्था महाबोधि महाविहार चैत्य ट्रस्ट का गठन करना AIBF का मुख्य उद्देश्य 1949 के B T अधिनियम को निरस्त करना, जो वर्तमान में बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र स्थल महाबोधि महाविहार के प्रबंधन को गैर बौद्ध अधिकारों के नियंत्रण में रखता है और अधिनियम के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है और बौद्ध पवित्र स्थलों पर लंबे समय से चले आ रहे हैं, गैर बुद्धिस्ट आतिक्रमण व दमन का प्रतिक है इस कानून को निरस्त करना महाबोधि महाविहार पर पूर्ण बौद्ध नियंत्रण बहाल करने की दिशा में पहला और महत्वपूर्ण कदम है जिससे यह सुनिश्चित होगा की इसका प्रबंधन बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक मुल्यों के अनुरूप हो। आज संविधान दिवस के पावन अवसर पर शांति रैली में ज्ञापन सौंपने वालों में सर्व श्री : सुजात वाहने, चेतना तम्हाने, अनामिक पाटिल, ललिता वाहने, प्रकृति बौद्ध, अनिता लव्हात्रे, वंदना भान्गे्, प्रतिमा सहारे, कांता मेश्राम, सरिता कामडें, कल्पना शिंदे, संजु उके, अनिता खोबरागड़े, उषा वाहने, सरला रामटेके, किरण महाजन, उजाला चंद्रिकापुरे, रश्मि नागदौन, शारदा रामटेके, अनिता मेश्राम, लक्ष्मी वैद्य, सुचिता वाघमरे, सत्या उके, संघमित्रा बौद्ध, राजेश हूमने, कमलेश लव्हात्रे, प्रफुल्ल गेडाम, दिलीप मेश्राम, मधुकर वासनिक, सुबोध रंगारि, अशोक वाहने, हरीश वाहने, देवेंद्र मोटघरे, शीतल रामटेके, विनोद बौद्ध, लोकेश पूजा बौद्ध
आदि उपस्थित थे।