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स्मार्ट सिटी में रोजाना जाम,कब और कैसे मिलेगा छुटकारा किसी के पास नहीं है कोई जवाब…

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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अतिक्रमण निवारण की कार्रवाई।

00  वीआईपी के आगमन पर शनिवार को जनता का होना पड़ा था परेशान, रविवार को फिर यही समस्या आई

00 छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में अव्यवस्थित निर्माणों से शहर के मुख्य बाजारों में जाम की समस्या गंभीर, प्रशासन मौन

शहर के भीतर तेजी से बढ़ते अतिक्रमण के कारण भी रोजाना जाम की स्थिति खड़ी हो रही है।

बिलासपुर । शहर के प्रमुख बाजारों—बृहस्पति बाजार, शनिचरी, सदर बाजार, और गोल बाजार में अव्यवस्थित और अवैध निर्माणों के कारण यातायात जाम एक बड़ी समस्या बन गई है। इन बाजारों में व्यापारिक गतिविधियाँ तो बढ़ रही हैं, लेकिन इसके साथ-साथ सड़क किनारे अनियोजित ढंग से की गई पार्किंग, ठेले और अवैध निर्माणों के कारण स्थिति बदतर होती जा रही है। इन हालातों में, रोजाना हजारों लोग इस जाम में फँसकर परेशान होते हैं, जबकि प्रशासन इस समस्या के समाधान में निष्क्रिय नजर आ रहा है।

बाजारों की जर्जर स्थिति:

बृहस्पति बाजार और शनिचरी बाजार में सड़कों पर अतिक्रमण इतना बढ़ चुका है कि पैदल चलने वालों के लिए भी जगह नहीं बचती। दुकानदारों ने फुटपाथ पर कब्जा कर लिया है और ठेले वाले सड़क के किनारे सामान बेचते हैं। इसके कारण वाहनों की आवाजाही बाधित होती है। वहीं, सदर बाजार में तो स्थिति और भी विकट है। यहाँ सड़क किनारे दुकानों के सामने बने अवैध शेड और अस्थायी निर्माणों ने यातायात के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।

गोल बाजार की दुर्दशा:

गोल बाजार शहर का सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण बाजार है, लेकिन यहाँ का हाल भी बेहाल है। अतिरिक्त निर्माणों और अनियोजित पार्किंग के कारण यहाँ हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। त्योहारों के समय तो स्थिति और भी बदतर हो जाती है। यहाँ आने वाले ग्राहक अक्सर घंटों जाम में फँसकर परेशान होते हैं।

प्रशासन की लापरवाही:

शहरवासियों का कहना है कि प्रशासन ने अब तक इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला है। कई बार शिकायतों के बावजूद बाजारों में अवैध निर्माणों और अतिक्रमणों को हटाने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। प्रशासन की ओर से सिर्फ नाममात्र की कार्रवाई होती है, जिसके बाद फिर से वही स्थिति बन जाती है।

व्यापारियों की दलील:

व्यापारियों का कहना है कि बाजार में जगह की कमी के कारण उन्हें मजबूरी में अतिरिक्त निर्माण करना पड़ता है। लेकिन इन अव्यवस्थित निर्माणों से सबसे ज्यादा परेशानी ग्राहकों को होती है। दुकानदारों का यह भी कहना है कि यदि प्रशासन बाजारों के पुनर्गठन के लिए कोई ठोस योजना बनाए, तो वे इसमें सहयोग के लिए तैयार हैं।

आम जनता की परेशानी:

बाजारों में खरीदारी करने आने वाले लोग लगातार बढ़ते जाम से परेशान हैं। खासकर कार्यालयीन समय और शाम के वक्त स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि लोगों को एक किलोमीटर की दूरी तय करने में भी आधा घंटा लग जाता है। कई बार तो एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं को भी इस जाम में फँसना पड़ता है, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था की पोल खुल जाती है।

सुधार की आवश्यकता:

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इन बाजारों में यातायात प्रबंधन और अतिक्रमण हटाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ तो स्थिति में सुधार आ सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि प्रशासन नियमित रूप से बाजारों में निरीक्षण करे और अवैध निर्माणों को हटाए। साथ ही, पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए और सड़कों का चौड़ीकरण किया जाए।

समाधान की ओर कदम:

शहरवासियों और व्यापारियों ने एक बार फिर प्रशासन से मांग की है कि इन बाजारों में यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए एक प्रभावी योजना लागू की जाए। यदि जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो आने वाले समय में यह समस्या और गंभीर हो सकती है।

इन बाजारों में अव्यवस्थित निर्माण और यातायात जाम केवल व्यापारियों और ग्राहकों की परेशानी का कारण ही नहीं है, बल्कि यह शहर की विकास प्रक्रिया में एक बड़ी बाधा बनता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन कब जागता है और इस गंभीर समस्या का समाधान कब तक होता है।

शनिवार को मुख्यमंत्री के आगमन के दौरान जाम में एक एंबुलेंस काफी देर तक फैंसी फैंसी रही।
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