00 बढ़ते भारत के साथ बदलते स्टेशन: बिलासपुर, रायपुर एवं दुर्ग की नई तस्वीर
बिलासपुर। “रेलवे देश की लाइफलाइन है” – यह सिर्फ एक वाक्य नहीं, बल्कि भारतीय रेलवे की एक महत्त्वाकांक्षी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत सरकार ने रेल यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने और रेलवे स्टेशनों को आधुनिकतम बुनियादी ढांचे से सुसज्जित करने के उद्देश्य से अमृत भारत स्टेशन योजना की शुरुआत की है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के प्रमुख स्टेशन – बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग का पुनर्विकास किया जा रहा है, जो इस क्षेत्र की यात्रा संस्कृति में एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
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435 करोड़ की लागत से बदलेगी बिलासपुर स्टेशन की सूरत
बिलासपुर स्टेशन, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। पुनर्विकास के बाद यह स्टेशन न केवल एक ट्रांजिट पॉइंट होगा, बल्कि स्थानीय संस्कृति और विरासत का प्रतीक भी बनेगा।
मुख्य विशेषताएं:
वेटिंग एरिया: 800 यात्रियों के बैठने की क्षमता।
पार्किंग: 28,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में 1123 वाहनों की क्षमता।
ओवरब्रिज: 3 नए फुट ओवरब्रिज, जिसमें दो प्रवेश और एक निकास के लिए।
सुविधाएं: बुजुर्गों और दिव्यांग यात्रियों के लिए 30 लिफ्ट और 22 एस्केलेटर।
यात्री प्रबंधन: प्रति दिन 65,867 यात्रियों की संख्या को संभालने की क्षमता, जिसमें पीक आवर्स में 6,587 यात्री शामिल हैं।
आकर्षण:
बिलासपुर स्टेशन को ग्रीन स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां सौर ऊर्जा संयंत्र और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था होगी।
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456 करोड़ की लागत से रायपुर स्टेशन का कायाकल्प
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का स्टेशन राज्य की आर्थिक और सांस्कृतिक धुरी है। इस पुनर्विकास से यह स्टेशन यात्रियों के लिए एक सुखद अनुभव का केंद्र बन जाएगा।
मुख्य विशेषताएं:
वेटिंग एरिया: 4974 वर्ग मीटर।
पार्किंग: 2200 वाहनों की क्षमता।
कॉनकोर्स एरिया: 3400 वर्ग मीटर।
यात्री प्रबंधन: प्रतिदिन 47,967 यात्रियों की सुविधा के अनुसार डिज़ाइन।
फोकस:
यह स्टेशन आधुनिक तकनीक के साथ-साथ बुजुर्गों और दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष सुविधाओं से लैस होगा।
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463 करोड़ से दुर्ग स्टेशन का आधुनिकीकरण
दुर्ग स्टेशन, राज्य का एक महत्वपूर्ण जंक्शन है। इस स्टेशन का पुनर्विकास यात्रियों के अनुभव को नया आयाम देगा।
मुख्य विशेषताएं:
वेटिंग एरिया: 1300 यात्रियों की क्षमता।
पार्किंग: 19,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में 925 वाहनों की क्षमता।
ओवरब्रिज: 3 फुट ओवरब्रिज।
लिफ्ट और एस्केलेटर: 45 लिफ्ट और 21 एस्केलेटर।
यात्री प्रबंधन: प्रतिदिन 39,498 यात्रियों के अनुरूप तैयार।
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सामाजिक और आर्थिक प्रभाव:
1. स्थानीय रोजगार:
पुनर्विकास परियोजनाओं के दौरान और बाद में रोजगार के अनेक अवसर सृजित होंगे, जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा।
2. पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा:
आधुनिक स्टेशनों की सुविधाएं न केवल यात्रियों को आकर्षित करेंगी, बल्कि यह व्यापार और पर्यटन को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
3. पर्यावरण संरक्षण:
सभी स्टेशनों पर क्लीन एनर्जी का उपयोग, सौर ऊर्जा संयंत्र और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की योजना से यह परियोजना पर्यावरण के प्रति जागरूकता को भी प्रकट करती है।
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“आधुनिक स्टेशन, विकसित भारत” का सपना
यह पुनर्विकास केवल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार नहीं, बल्कि “एक विकसित भारत” की ओर बढ़ते कदम हैं। बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग स्टेशन, रेलवे की आधुनिकता और परंपरा का संगम बनेंगे। ये स्टेशन आने वाले समय में क्षेत्र की प्रगति के नए आयाम स्थापित करेंगे।