Latest news

सीपीआर का करिश्मा…चलती ट्रेन में यात्री को हार्ट अटैक, टीटीई की सूझबूझ से बची जान

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
8 Min Read


00‘ऑपरेशन कर्मयोगी’ प्रशिक्षण ने दिखाई राह

बिलासपुर।आम्रपाली एक्सप्रेस (15708) में सफर कर रहे यात्रियों को उस समय बड़ा झटका लगा जब ट्रेन के स्लीपर कोच में एक यात्री को अचानक हृदयाघात (कार्डियक अरेस्ट) हो गया। घटना के बाद कोच में अफरातफरी मच गई और यात्री की हालत गंभीर हो गई। इसी बीच ड्यूटी पर तैनात छपरा के उप मुख्य टिकट निरीक्षक (टीटीई) राजीव कुमार और मनमोहन कुमार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए यात्री की जान बचाई।

CPR से बची यात्री की जान

सूचना मिलते ही दोनों टीटीई बिना देर किए घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने तत्काल यात्री को सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) देना शुरू किया। CPR एक जीवनरक्षक प्रक्रिया है, जो दिल की धड़कन बंद होने या सांस रुकने की स्थिति में दी जाती है। टीटीई राजीव कुमार और मनमोहन कुमार ने यात्री को लगातार सीपीआर और कृत्रिम श्वसन (माउथ-टू-माउथ रेस्पिरेशन) दिया।

लगातार प्रयासों के बाद यात्री की हालत में सुधार हुआ और उसने आंखें खोल लीं। इसके बाद छपरा स्टेशन पर पहुंचते ही रेलवे की हेल्थ यूनिट के डॉक्टर पहले से तैयार थे, जिन्होंने यात्री की पूरी जांच की और उनकी स्थिति को स्थिर किया।

‘ऑपरेशन कर्मयोगी’ प्रशिक्षण का लाभ

इस घटना ने ‘ऑपरेशन कर्मयोगी’ प्रशिक्षण की उपयोगिता को एक बार फिर साबित कर दिया। इस कार्यक्रम के तहत रेलवे कर्मचारियों को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। टीटीई राजीव कुमार और मनमोहन कुमार को भी इस प्रशिक्षण के दौरान प्राथमिक चिकित्सा और CPR जैसी जीवनरक्षक तकनीकें सिखाई गई थीं।

यात्रियों की सराहना और आभार

यात्री और उनके सहयात्रियों ने रेलवे कर्मचारियों की त्वरित कार्रवाई और कुशलता की भरपूर सराहना की। उन्होंने कहा कि टीटीई की सूझबूझ और तत्परता के कारण ही एक जान बचाई जा सकी। यात्रियों ने रेलवे प्रशासन और संबंधित कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया।

रेलवे प्रशासन की पहल

रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देते हुए अपने कर्मचारियों को निरंतर प्रशिक्षण दे रहा है। ‘कर्मयोगी प्रारंभ मॉड्यूल’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से रेलवे कर्मचारियों को न केवल तकनीकी और सेवा कार्यों में दक्ष बनाया जा रहा है, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए भी तैयार किया जा रहा है।

यात्रियों को सुरक्षा का भरोसा

इस घटना के बाद यह स्पष्ट हो गया कि भारतीय रेलवे सिर्फ यात्रा की सुविधा ही नहीं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के प्रति भी पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। ‘ऑपरेशन कर्मयोगी’ जैसे कार्यक्रमों से कर्मचारियों की कार्यकुशलता में निरंतर सुधार हो रहा है और यात्रियों को बेहतर सेवा और सुरक्षा मिल रही है।

रेलवे प्रशासन का यह प्रयास न केवल यात्रियों के विश्वास को बढ़ाता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी मदद उपलब्ध हो। इससे भविष्य में ऐसे गंभीर मामलों में भी यात्रियों को भरोसेमंद सहायता मिल सकेगी।

हार्ट अटैक आने पर CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) कैसे दें…

CPR एक जीवनरक्षक तकनीक है, जिसका उपयोग हृदय की धड़कन या सांस रुक जाने पर किया जाता है। यह तकनीक व्यक्ति की जान बचाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में। नीचे CPR देने की विस्तृत प्रक्रिया बताई गई है:

1. स्थिति का आकलन करें:

सबसे पहले, सुनिश्चित करें कि आसपास का वातावरण सुरक्षित है।

व्यक्ति की प्रतिक्रिया की जांच करें: जोर से आवाज लगाएं और उसके कंधे को हल्के से हिलाएं।

अगर व्यक्ति कोई प्रतिक्रिया नहीं देता और सांस नहीं ले रहा है या केवल हल्की सांस ले रहा है, तो तुरंत CPR शुरू करें।

2. मदद बुलाएं:

किसी और से तुरंत एम्बुलेंस (108 या स्थानीय इमरजेंसी नंबर) बुलाने को कहें।

अगर आप अकेले हैं, तो पहले CPR शुरू करें और फिर जल्द से जल्द इमरजेंसी सेवा को कॉल करें।

3. व्यक्ति को सही स्थिति में लाएं:

व्यक्ति को पीठ के बल सख्त और समतल सतह पर लिटा दें।

उसके कपड़ों को ढीला कर दें, खासकर गले और छाती के आसपास।

4. हाथों की सही पोजिशन:

व्यक्ति के बाएं या दाएं घुटने के पास बैठें।

अपने हाथों को एक-दूसरे के ऊपर रखें और दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक कर लें।

अपने हाथों की एड़ी (हथेली का निचला हिस्सा) को व्यक्ति की छाती के बीच में, ठीक निप्पल्स के बीचों-बीच रखें।

5. छाती पर दबाव (Chest Compressions):

गहराई: प्रत्येक दबाव 2 से 2.5 इंच (5-6 सेमी) गहरा होना चाहिए।

गति: प्रति मिनट 100-120 दबाव दें।

तकनीक:

कोहनी को सीधा रखें और अपने शरीर के वजन का इस्तेमाल करें।

छाती को दबाएं और फिर दबाव छोड़ें, ताकि छाती अपनी सामान्य स्थिति में वापस आ सके।

सुनिश्चित करें कि छाती पूरी तरह से ऊपर आ रही हो।

6. कृत्रिम श्वसन (Rescue Breaths):

अगर आपको कृत्रिम श्वसन देने का प्रशिक्षण है, तो यह कदम शामिल करें:

व्यक्ति की नाक को बंद करें और उसका सिर हल्का पीछे की ओर झुकाएं।

मुंह से मुंह मिलाकर एक सेकंड के लिए सांस दें, ताकि छाती ऊपर उठे।

प्रत्येक 30 छाती दबावों के बाद 2 कृत्रिम श्वसन दें।

सुनिश्चित करें कि सांस देते समय व्यक्ति की छाती ऊपर उठ रही हो।

7. CPR जारी रखें:

CPR तब तक जारी रखें जब तक कि:

इमरजेंसी मेडिकल टीम आ न जाए।

व्यक्ति होश में आ जाए और सामान्य सांस लेने लगे।

आप थक न जाएं और किसी और को CPR करने के लिए न बुला सकें।

इसका रखें ध्यान

1. सटीकता: गलत तरीके से दबाव डालने से पसलियां टूट सकती हैं, लेकिन हृदय पंप करना अधिक महत्वपूर्ण है।

2. AED (Automated External Defibrillator): अगर आसपास AED उपलब्ध हो, तो उसे तुरंत उपयोग करें। यह हृदय को सामान्य लय में लाने में मदद करता है।

3. प्रशिक्षण: CPR का नियमित प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर किसी को यह तकनीक सीखनी चाहिए।

यह सबसे प्रभावी तरीका

CPR एक आपातकालीन स्थिति में जान बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है। हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में सही और त्वरित CPR से मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा सकती है, जिससे व्यक्ति के बचने की संभावना बढ़ जाती है। उचित प्रशिक्षण और जागरूकता से हम किसी की जिंदगी बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

खबर को शेयर करने के लिए क्लिक करे।।