इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के तहत की गई कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय, विदेश मंत्रालयऔर गृह मंत्रालय की संयुक्त कार्रवाई की आई खबर
रायपुर. छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक जूस विक्रेता से महादेव एप के सट्टेबाजी के सरगना सौरभ चंद्राकर का के दुबई में अरेस्ट होने की खबर है। समाप्ति पर पहुंच उसकी गिरफ्तारी इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर की गई, जिसे प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुरोध पर जारी किया गया था। यह गिरफ्तारी भारतीय एजेंसियों के समन्वित प्रयासों का परिणाम है, जिसमें विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने प्रमुख भूमिका निभाई। भाजपा सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को को सौंपी थी।
लगभग डेढ़ महीने पहले, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने महादेव ऐप सट्टेबाजी घोटाले की जांच को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंपने का निर्णय लिया था। यह निर्णय 22 अगस्त को लिया गया था, और अब इस घोटाले के किंग सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी हुई है। इस कार्रवाई से मुख्यमंत्री साय के कहा था कि घोटाले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
CBI और ED की अहम भूमिका
CBI और ED ने इस घोटाले की तह तक पहुंचने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच की, जिससे चंद्राकर की गतिविधियों का पर्दाफाश हुआ। इसके तहत 572.41 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अब तक अटैच किया जा चुका है, जिसमें से 100 करोड़ रुपये की संपत्ति दुबई में स्थित है।बड़ी साजिश का पर्दाफाश
बड़ी साजिश का पर्दाफाश
2019 में पहली बार महादेव ऐप सट्टेबाजी के जरिए अवैध लेन-देन की जानकारी सामने आई थी। इसके बाद से इस घोटाले की परतें खोलने में लगी हैं। अब तक 19 में से 9 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और जांच लगातार आगे बढ़ रही है।चंद्राकर की गिरफ्तारी से अब कई अन्य रहस्यों का खुलासा होने की उम्मीद है और इस मामले के अन्य पहलुओं पर भी गंभीर कार्रवाई की जाएगी।