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ग्रामीण सरकार की ये कैसी सामान्य सभा: चमचमाती गाड़ियों से पहुंचे अफसर… खराब सड़कों को लेकर बैठक में उखड़े सदस्य, आधे भी नहीं पहुंच पाए थे समय पर

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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00 मीडिया का सामना करने से भी बचने की कोशिश

00 छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में डीईओ समेत कई विभाग के अधिकारियों ने बैठक को नहीं दी तवज्जो

00 सदस्यों ने विकास कार्यों और कई तरह की समस्याओं को लेकर खोला मोर्चा

जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक में उपस्थित अफसर और सदस्य।

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में ग्रामीण सरकार पर किस तरह अफसरशाही हावी है यह देखना है तो एक नजर जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक पर जरूर डालिएगा। इस बैठक में शामिल होने जिला पंचायत के अधिकारी और अध्यक्ष तो चमचमाती गाड़ियों में समय पर पहुंच गए थे लेकिन तय समय पर आधे सदस्य भी मौजूद नहीं थे। खराब सड़कों पर चलकर हांफते पहुंचे सदस्यों ने इसे लेकर नाराजगी जाहिर की पर उनकी जरा भी नहीं सुनी गई। यही नहीं पहली बार इस बैठक में मीडिया का सामना करने की भी हिम्मत नहीं दिखाई गई। जिला पंचायत के अधिकारियों ने कहा कि बैठक की जानकारी सरकारी तंत्र के माध्यम  से दे दी जाएगी।

सड़कों की स्थिति को लेकर सदस्यों ने जताई नाराजगी।

जिला पंचायत  सामान्य सभा की बैठक में  ग्रामीण इलाकों के ठप हैंडपंप की मरम्मत, जिला शिक्षा अधिकारी सुमित आने भागों के अधिकारियों के नहीं आने,  बदहाल सेंदरी -लगरा बाईपास  समय खराब सड़कों और समस्याओं समेत कई कई मुद्दों को लेकर सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की।
नए सीईओ दने  बैठक में मीडिया के प्रवेश को लेकर आपत्ति जताई।  बैठक में 50 हजार पीएम आवास योजना पर पोस्टरबाजी हुई। सदस्यों से कहा गया कि अबकी बार इसमे राजनीति न हो वास्तविक हितग्राहियों को आवास मिले इसके लिए पहल करे। वही मनरेगा में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठा सदस्यों ने आरोप लगाया सदस्यों ने कहा  कि तत्कालीन सीईओ का तो तबादला हो गया पर उनके खास अब भी जमे है और मनमानी कर रहे। हैं।

यह था एजेंडा

जिला पंचायत बिलासपुर द्वारा जारी सूचना के अनुसार, सामान्य सभा की बैठक हुई।यह बैठक दोपहर 12:00 बजे से जिला पंचायत सभाकक्ष बिलासपुर में माननीय अध्यक्ष  अरुण सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित होनी, लेकिन समय पर घ सदस्य नहीं पहुंचे। इस महत्वपूर्ण बैठक में कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई ।जिसमें विकास कार्यों की प्रगति और भविष्य की योजनाएं शामिल थीं।

पिछली बैठक के कार्यों की समीक्षा: पूर्व बैठकों में लिए गए निर्णयों और उनके क्रियान्वयन की प्रगति पर चर्चा की गई।

  1. योजनाओं की प्रगति: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, एवं संबंधित विभागों की प्रगति रिपोर्ट पर विचार।
  2. शिक्षा और स्वास्थ्य: शिक्षा विभाग की योजनाओं और स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं की स्थिति की समीक्षा । इसमें विद्यालयों की स्थितियों, नए भवन निर्माण, एवं प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर चर्चा ।
  3. महिला और बाल कल्याण: महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की स्थिति का आकलन ।
  4. पंचायती व्यवस्था: पंचायत संचालन, संरचना एवं ग्राम पंचायतों की समस्याओं को सुलझाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  5. विभागीय समन्वय: कृषि, वन, सामाजिक कल्याण, और अन्य विभागों की रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा, ताकि सभी विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सके।
  6. पर्यावरण एवं जल संरक्षण: वन विभाग, सामाजिक वानिकी एवं पर्यटन विभाग द्वारा पर्यावरण सुरक्षा और जल संरक्षण की योजनाओं पर चर्चा ।
  7. वित्तीय प्रबंधन: बजट की समीक्षा और नई परियोजनाओं के लिए धन आवंटन के प्रस्ताव पर निर्णय लिया ।
  8. अन्य मुद्दे: क्षेत्रीय स्तर पर सामने आ रही विभिन्न समस्याओं का समाधान और नई योजनाओं का प्रस्ताव भी बैठक का एक प्रमुख बिंदु ।

बरती लापरवाही

बैठक में सभी संबंधित विभागाध्यक्षों को अपनी रिपोर्ट और प्रगति विवरण के साथ समय पर उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। संबंधित विभागों से अपेक्षा की गई हैथी कि वे पूर्व में दिए गए निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें, उसके बाद भी अफसर ने लापरवाही बरती।

इस बैठक के लिए विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल कल्याण, सामाजिक सुरक्षा, और पंचायत विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य थी।

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