बिलासपुर/ आल इंडिया गोजू रयु कराते डू फेडरेशन के अध्यक्ष व मुख्य प्रशिक्षक हांसी एल. नागेश्वर राव 8वां ब्लैक बेल्ट होल्डर्स जापान के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ गोजू रयु कराते एसोसिएशन के तत्वावधान में आधारशिला विद्या मंदिर सैनिक स्कूल में 111 कराते खिलाड़ियों ने एक दिवसीय कराते ग्रेडिंग और ट्रेनिंग में हिस्सा लिया जिसमें से 45 कराते खिलाड़ियों ने कलर बेल्ट के लिए हिस्सा लिए जिसमें छत्तीसगढ़ गोजू रयु कराते एसोसिएशन के मुख्य प्रशिक्षक सेन्सई विनय गढ़ेवाल के द्वारा बेल्ट परीक्षा लिया गया बिलासपुर जिले के कराते खिलाड़ियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने कड़ी मेहनत के प्रशिक्षण के बदौलत कलर बेल्ट प्राप्त किया सेन्सई विनय गढ़ेवाल ने बताया कि गोजू रयु कराते में वाईट बेल्ट के उपरांत हर तीन से चार महीने के बाद कराते खिलाड़ियों का बेल्ट परीक्षा लिया जाता है जिससे उनके खेल में रूचि लगी रहें साथ ही यह कराते खेल का मुख्य हिस्सा भी है इसके बाद ही तीन से चार वर्षों बाद हम ब्लैक बेल्ट प्राप्त कर सकते हैं इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आधारशिला विद्या मंदिर न्यू सैनिक स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती जीआर मधुलिका मौजूद रहीं उन्होंने कहा कि यह आयोजन सराहनीय है बच्चों को कराते खेल में रूचि है और सभी बच्चे पुरे उत्साह के साथ हिस्सा लेते हैं सेन्सई विनय गढ़ेवाल ने बताया कि इसमें हिस्सा लेकर कलर बेल्ट व सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों में पर्पल बेल्ट में रूची देवांगन, त्रिशा हलदार, आराध्या तिवारी, पीयूष यादव, डेविड साहू ब्ल्यू बेल्ट में आराध्या भारत, निधि बंजारे, येनवी सिंह ठाकुर, रेनू पटेल, रितू हाजरा, भार्गवी साहू, आयूषी साहू, आराध्या जनास्वामी, टाईगर बंजारे, विराज सोरठे, ग्रिन बेल्ट में सौम्या विश्वकर्मा, धान्या मिश्रा, सेजल सुर्यवंशी, वेदांत साहू, दिव्यांशु खांडे, ओमेश डोंगरे, मोहम्मद ऑन खान, आरेंज बेल्ट में आयुषी, कृतिका अग्रवाल, महिमा सेवते, तुरन्यू नेताम, हर्षित सिंह चंदेल, एन. सत्य सांई सुन्दर, अथर्व शर्मा, नोमान खान यलो बेल्ट में प्राची वर्मा, साधना पटेल, अदिति साईसेरा, अम्बे पटेल, ईशानी प्रजापति, हर्षिता मेरावी, ओमकार साहू, प्रज्ञान साहू, प्रवस्थी यादव, गरीमा सोनवानी, प्रत्युषा कुजूर, अक्षत अग्रवाल, गौरांक बंजारे, कुशाल टेकाम मौजूद रहे इसके लिए आधारशीला विद्या मंदिर सैनिक स्कूल के चेयरमैन डॉ अजय श्रीवास्तव व प्रिंसिपल श्रीमती जी आर मधुलिका, डायरेक्टर एसके जनास्वामी व एवीएम न्यू सैनिक स्कूल के मुख्य खेल प्रभारी उत्तम साहू ने सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दिए।
मार्शल आर्ट कराते मानसिक अनुशासन और एकाग्रता के लिए जरूरी : डॉ अजय श्रीवास्तव
कराटे प्रशिक्षण से मानसिक अनुशासन और एकाग्रता में सुधार होता है। इससे शारीरिक ताकत, लचीलापन और संतुलन में भी सुधार होता है। खासकर कराटे प्रशिक्षण बच्चों के लिए भी उपयुक्त है, जिससे उनमें अनुशासन, आत्मविश्वास और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
प्रतिभाओं को मिल रहा है अवसर : जीआर मधुलिका
कराते प्रशिक्षण व बीच-बीच में हो रहे कराते बेल्ट ग्रेडिंग व चैम्पियनशिप से प्रतिभाओं को आगे आने का मौका मिल रहा है कई छात्राएं ऐसी होती हैं जिन्हें कराते खेल सहित अन्य खेलों में रुचि रहती है पर अवसर नहीं मिलने पर आगे नहीं आ पाती है ऐसे कराते प्रोग्राम से इन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा आधारशिला विद्या मंदिर न्यू सैनिक स्कूल के छात्र छात्राएं ब्लाक, डिस्ट्रिक्ट, स्टेट एवं ईस्ट ज़ोन तक नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लेना छात्र छात्राओं और उनके अभिभावकों के लिए ख़ुशी की बात होती हैं पैरेंट्स के साथ ही हमारे शाला परिवार, जिला व प्रदेश भी गौरवान्वित महसूस करते हैं।
दुसरो को भी मिलेगा प्रेरणा
खिलाड़ी रूचि देवांगन ने कहा हमारे स्कूल में कराते का प्रशिक्षण छात्र-छात्राओं के लिए एक बेहतर कदम साबित होगा। समय आने पर यदि हम कराते का उपयोग कर हम अपनी सुरक्षा कर लेते हैं तो इसका समाज के बीच एक अच्छा संदेश जाएगा। अन्य लड़कियां इससे प्रेरणा लेंगी। उनके मन में भी कराते का प्रशिक्षण लेकर सुरक्षा की बात आएगी। उन्होंने कहा की कराते खेल स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बेहतर है प्रतिदिन अभ्यास करने से बढ़िया एक्सरसाइज हो जाती है शरीर तंदुरुस्त तो होता ही है छोटी मोटी बीमारियां भी दूर हो जाती है यह एक ऐसी कला है जिसे सिख जाने के बाद तनाव मुक्त जिंदगी बन जाती है क्योंकि कराते एवं अन्य मार्शल आर्ट के बल पर हर विपरीत हालात का सामना आसानी से करके उसमें से निकला जा सकता है।
जरूरी है सभी को मार्शल आर्ट कराते सीखना
प्रतिभागी हर्षिता मेरावी ने कहा कि आज के इस दौर में हर किसी को कराते सिखना जरूरी हो गया है वर्तमान हालात में किसी को कहीं भी अनहोनी घटना का सामना करना पड़ सकता है ऐसे में यदि हम कराते जानते हैं तो कोई तनाव नहीं रहेगा। हम कहीं भी निश्चित आना जाना कर सकते है एक बार किसी को कराते पंच पड़ गया तो दोबारा कोई मुंह लगने की कोशिश भी नहीं करेगा। हम एक विश्वास के साथ आगे बढ़ सकेंगे कोई डर अनहोनी घटना हमारे विकास में बाधक नहीं बनेगी।