00 वेतन विसंगतियों और महंगाई भत्ते की मांग, जल्द समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी,, पुरानी पेंशन बहाली की मांग भी की बुलंद
बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में पदस्थ सहायक शिक्षकों ने गुरुवार को वेतन संगति और पुरानी पेंशन की मांग सहित विभिन्न मुद्दों पर मोदी की गारंटी पूरी नहीं होने को लेकर जमकर हल्ला बोला।शिक्षक संघर्ष मोर्चा के जिला संचालक बिलासपुर संतोष सिंह नेबताया कि लंबे समय से सहायक शिक्षकों को वेतन विसंगतियों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि उनका वेतन सही तरीके से निर्धारित नहीं किया जा रहा है।
संगठन ने मांग की है कि सभी एलबी संवर्ग के शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान दिया जाए, ताकि वेतन निर्धारण में हो रही गड़बड़ियों को दूर किया जा सके। इसके अलावा, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को भी प्रमुखता से उठाया गया है।महंगाई भत्ता को लेकर भी शिक्षक नाराज हैं। 2024 से शिक्षकों को 3% महंगाई भत्ता देने की मांग की जा रही है। संगठन ने कहा कि जुलाई 2019 से लंबित महंगाई भत्ते की राशि को शिक्षकों के जीपीएफ/सीजीपीएफ खातों में समायोजित किया जाए। इस मुद्दे को लेकर शिक्षकों में काफी आक्रोश है, क्योंकि महंगाई बढ़ने के बावजूद उनका भत्ता नहीं बढ़ाया गया है।बिलासपुर हाईकोर्ट में दायर याचिका में 28 फरवरी को डबल बेंच द्वारा दिए गए फैसले के अनुसार पात्र शिक्षकों को क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान देने का आदेश दिया गया था। बावजूद इसके, अब तक इस आदेश का पालन नहीं किया गया है, जिससे शिक्षक नाराज हैं।शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगों का जल्द निराकरण नहीं किया गया, तो वे बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। संगठन के प्रमुख सदस्यों मनीष मिग्रा, डील पटेल, विनोद दुबे, विकास राजपूत और संजय शर्मा ने कहा कि सरकार को शिक्षकों की जायज मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
यह है प्रमुख मांग
वेतन विसंगति: एलबी संवर्ग के शिक्षकों का क्रमोन्नत वेतनमान और 1.86 के गुणांक पर वेतन निर्धारण।
महंगाई भत्ता: 2024 से 3% महंगाई भत्ता और जुलाई 2019 से लंबित भत्ते का समायोजन।
पुरानी पेंशन योजना: शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली।
सहायक शिक्षक संघर्ष मोर्चा अब देख रहा है कि उनकी मांगों को लेकर सरकार क्या कदम उठाती है, अन्यथा आने वाले दिनों में शिक्षक सड़कों पर उतर सकते हैं।