छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के कलेक्टर के जनदर्शन में हुई थी शिकायत
बिलासपुर। बिलासपुर के मस्तूरी नेशनल हाईवे के पास का इलाका शांत तो दिखता था, लेकिन यहां एक ऐसी छिपी हुई हकीकत थी, जिसने कई मासूम जिंदगियों को डर के साये में जीने पर मजबूर कर दिया था। अरपा नदी के किनारे एक एकड़ सरकारी जमीन पर बना भव्य फार्म हाउस किसी आलीशान सपने जैसा लगता था, लेकिन यह सपना नहीं, बल्कि कुख्यात अपराधी रंजन गर्ग की हकीकत थी जिस पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया। इस पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर के जनदर्शन में हुई थी।रंजन गर्ग, एक ऐसा नाम जिसे सुनकर लोग सिहर उठते थे। हत्या, अवैध हथियार, जुआ, और जमीन कब्जाने जैसे कई अपराध उसकी पहचान थे।
कैसे मामला आया सामने
पूरी कहानी तब शुरू हुई जब स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई। “हम डर में जी रहे हैं। हमारी जमीन पर कब्जा हो रहा है। कोई हमारी सुन रहा है?” ये वो शब्द थे जो कलेक्टर अवनीश शरण तक पहुंचे। कलेक्टर ने इसे हल्के में नहीं लिया। उन्होंने एसडीएम पीयूष तिवारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई और सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने का फैसला किया।
शुक्रवार की सुबह का सूरज उगा, लेकिन इस बार अरपा नदी के पास के इलाके में बुलडोजर गरज रहे थे। पुलिस और राजस्व विभाग की टीमों ने रंजन गर्ग के फार्म हाउस को गिराने की तैयारी कर ली।अपराध और बुलडोजर के बीच टकराव
अपराध और बुलडोजर के बीच टकराव
रंजन गर्ग की कहानी सिर्फ जमीन कब्जाने तक नहीं थी। यह कहानी कानून की अनदेखी, ग्रामीणों की दहशत, और सिस्टम के संघर्ष की भी थी। फार्म हाउस, जो कभी रंजन के आतंक का प्रतीक था, अब प्रशासनिक बुलडोजर के आगे रेत का महल साबित हुआ।रंजन गर्ग के खिलाफ पहले भी कार्रवाई हुई थी। उसने दीपावली पर एक आरक्षक पर पिस्टल तान दी थी। इससे पहले हत्या के मामले में जेल जा चुका रंजन जमानत पर रिहा होने के बाद अपने पुराने अपराधों पर लौट आया था।
पूरे शहर में फैली खबर
रंजन के फार्म हाउस पर बुलडोजर चलने की खबर पूरे शहर में फैल गई। लोग कहने लगे, “बुलडोजर ने कानून को मजबूत किया।” यह बुलडोजर सिर्फ मशीन नहीं थी, यह प्रशासन की उस सख्ती का प्रतीक बन गया, जिसने अपराधियों को यह संदेश दिया कि कानून से बड़ा कोई नहीं।
ग्रामीण ने ली राहत की सांस
रंजन गर्ग के फार्म हाउस के गिरने के बाद, ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। अरपा नदी के किनारे जो जमीन अब खाली हुई, वह एक नई उम्मीद का प्रतीक बन गई। लोग कहने लगे, “अगर प्रशासन ऐसा ही सख्त रहा, तो हमारे इलाके से अपराध का साया हमेशा के लिए हट जाएगा।