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लोन चुकाएं या चुनाव लड़ने का अधिकार खोएं : कांग्रेस, भाजपा के नेताओं समेत 1850 पर 10 करोड़ का बकाया

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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यह है बड़े बकायदार

00 छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में 20 साल से भी अधिक समय से लोग कर्ज लेकर चुकाना भूल गए

00 अंत्यावसायी विकास समिति की बकायादारों पर सख्ती, ग्रामीण और शहरी सरकार का चुनाव लड़ने के लिए ऋण चुकाना होगा अनिवार्य

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में अंत्यावसायी विकास समिति द्वारा दिए गए ऋण को न चुकाने वाले बकायादार अब स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के अपने अधिकार से वंचित हो सकते हैं। कलेक्टर ने इस संबंध में सख्त कदम उठाते हुए बकायादारों की सूची संबंधित अधिकारियों को भेज दी है और नामांकन प्रक्रिया में इन पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। जिले में 1850 बकायदार है जिन पर 10 करोड़ का लोन बकाया है। इसमें 35 बड़े बकायदार है जिन्हें डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान करना है।  सूची में कांग्रेस और भाजपा के कई दिग्गजों का भी नाम है।

ऋण चुकाने पर एनओसी अनिवार्य

समिति ने स्पष्ट किया है कि बकायादार हितग्राही चुनाव लड़ने के लिए पहले अपने बकाया ऋण का भुगतान करें और समिति से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करें। यह प्रमाण पत्र नामांकन पत्र के साथ जमा करना अनिवार्य होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो नामांकन पत्र को अमान्य घोषित किया जा सकता है।

लंबे समय से नहीं हो रहा ऋण भुगतान

समिति के कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि जिले में 1850 बकायादार हैं, जिन्होंने लगभग 20-25 वर्षों से लिए गए ऋण की अदायगी नहीं की है। इन बकायादारों पर करीब 10 करोड़ रुपये का बकाया है। इनमें सबसे अधिक बकायादार बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र (1108) से हैं। अन्य क्षेत्रों में मल्हार नगर पंचायत के 2, तखतपुर नगर पंचायत के 5, बिल्हा के 3, कोटा के 28, और रतनपुर के 15 बकायादार शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी जनपद पंचायत बिल्हा के अंतर्गत 115, तखतपुर में 64, कोटा में 52, और मस्तुरी में 458 बकायादारों के नाम सूची में हैं।

समिति का उद्देश्य और बकायादारों की अनदेखी

अंत्यावसायी विकास सहकारी समिति अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, और सफाई कर्मचारियों को स्वरोजगार के लिए कम ब्याज दर पर आसान ऋण प्रदान करती है। हालांकि, ऋण चुकाने में हितग्राहियों की उदासीनता लंबे समय से चिंता का विषय बनी हुई है।

कलेक्टर का सख्त रुख

कलेक्टर ने निगम आयुक्त, नगरीय निकायों के सीएमओ और जनपद पंचायतों के सीईओ को निर्देश दिया है कि वे नामांकन प्रक्रिया के दौरान इन बकायादारों पर कड़ी नजर रखें। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिना एनओसी के कोई भी बकायादार चुनाव में भाग न ले सके।

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