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डीपी विप्र कॉलेज में परीक्षा फॉर्म को लेकर छात्रों की परेशानी बढ़ी, AIDSO ने सौंपा ज्ञापन

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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बिलासपुर। डीपी विप्र महाविद्यालय के छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरने में हो रही परेशानियों को लेकर छात्र संगठन ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (AIDSO) ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। छात्र संगठन ने परीक्षा नियंत्रक तरुण दिवान के माध्यम से कुलपति को ज्ञापन देकर इस समस्या का समाधान करने की मांग की है।

छात्र सचिव सुरेंद्र साहू ने बताया कि वर्तमान में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के पोर्टल पर यूजी प्रथम सेमेस्टर और पीजी प्रथम सेमेस्टर के परीक्षा फॉर्म भरे जा रहे हैं। छात्र-छात्राएं इन फॉर्म की हार्डकॉपी जमा करने के लिए डीपी विप्र महाविद्यालय पहुंचे, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें अस्वीकार कर दिया।

कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि डीपी विप्र कॉलेज अब ऑटोनोमस हो गया है, इसलिए छात्रों को परीक्षा फॉर्म कॉलेज द्वारा जारी अलग पोर्टल से भरना होगा। साथ ही, छात्रों से यह भी कहा गया कि जिन्होंने विश्वविद्यालय के पोर्टल पर फॉर्म भरे हैं, वे शुल्क वापसी के लिए विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में आवेदन करें।

छात्रों की समस्याएं और आरोप:
AIDSO ने आरोप लगाया है कि डीपी विप्र महाविद्यालय अभी तक ऑटोनोमस घोषित नहीं हुआ है। इसके बावजूद छात्रों को अलग पोर्टल से फॉर्म भरने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

छात्रों को भ्रमित करने के कारण परीक्षा फॉर्म दो बार भरने पड़ रहे हैं।

अतिरिक्त शुल्क वसूला जा रहा है, जिससे छात्र-छात्राएं परेशान हैं।

कॉलेज प्रबंधन के इस कदम से हजारों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है।

AIDSO की मांगे:
छात्र संगठन ने ज्ञापन में निम्नलिखित मांगे रखी हैं:

1. एक पोर्टल सुनिश्चित किया जाए: छात्रों के लिए एक ही पोर्टल से परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया तय की जाए।

2. अनुचित वसूली पर रोक लगे: डीपी विप्र कॉलेज द्वारा अलग से फॉर्म भरवाने की प्रक्रिया बंद की जाए।

3. पहले से भरे फॉर्म स्वीकार किए जाएं: जिन छात्रों ने विश्वविद्यालय पोर्टल पर फॉर्म भरे हैं, उन्हें तुरंत मान्य किया जाए।

4. अतिरिक्त शुल्क की वापसी: जिन छात्रों से फॉर्म भरने के नाम पर दो बार शुल्क लिया गया है, उनका पैसा वापस किया जाए।

छात्रों का भविष्य अधर में
छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन की यह प्रक्रिया न केवल छात्रों के समय और पैसे की बर्बादी कर रही है, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी परेशान कर रही है।

AIDSO ने मांग की है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करे, अन्यथा छात्र संगठन को मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा।

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