00 कंप्यूटर ऑपरेटर और राइस मिलर की हड़ताल के कारण धान खरीदी और उठाव भी बाधित
00 इधर एक साल की उपलब्धि गिनाने में व्यस्त हैं मंत्री, विपक्ष विधानसभा में सरकार को घेरने की तैयारी में जुटा
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी और उठाव विष्णु सरकार के लिए नई चुनौती बन गई है। इसकी वजह खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था है। इधर पहले डाटा एंट्री ऑपरेटरों की हड़ताल और अब राइस मिलर्स की हड़ताल ने प्रशासन की परेशानियां बढ़ा दी हैं। अपनी लंबित मांगों को लेकर राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्य शुक्रवार को सुबह 11:30 से दोपहर 2:30 तक व्यापार विहार स्थित जिला विपणन कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए थे। उन्होंने ऐलान किया है कि 20 दिसंबर तक यह हड़ताल जारी रहेगी। इसके चलते धान खरीदी के साथ-साथ धान का उठाव भी पूरी तरह से बाधित हो गया है। इसके कारण किसानों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वही छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री 1 साल की उपलब्धियां बताने में व्यस्त हैं। विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर हमलावर नजर आ रहा है। इसे लेकर विधानसभा में सरकार को घेरने की रणनीति भी बनाई जा रही है
मिलर्स एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो 21 दिसंबर से प्रदेशव्यापी हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। इससे धान खरीदी और उठाव प्रक्रिया पूरी तरह बाधित हो सकती है, जिसका सीधा असर किसानों और सरकार के उपार्जन कार्यों पर पड़ेगा।
कलेक्टर ने दिए वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश
राइस मिलर्स की हड़ताल से उत्पन्न स्थिति पर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। कलेक्टर अवनीश शरण ने शुक्रवार को सहकारी संस्थाओं की उप पंजीयक मंजू पांडे को निर्देश दिए कि धान खरीदी किसी भी स्थिति में बंद नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर डाटा एंट्री ऑपरेटर काम पर नहीं लौटते हैं, तो वैकल्पिक व्यवस्था की जाए ताकि किसानों को परेशान होकर लौटना न पड़े।कलेक्टर ने जिला विपणन अधिकारी को उठाव में तेजी लाने और जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों को सभी केंद्रों पर मॉनिटरिंग बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसानों को असुविधा होने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
क्या है राइस मिलर्स की मांगें
राइस मिलर्स एसोसिएशन का कहना है कि उनके लंबे समय से लंबित मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
1. राइस मिलिंग की दरों में संशोधन।
2. बिजली दरों में राहत।
3. धान उठाव प्रक्रिया में पारदर्शिता।
4. लंबित भुगतान को तुरंत जारी करना।
खरीदी प्रक्रिया पर असर
राइस मिलर्स और ऑपरेटरों की हड़ताल का असर उपार्जन केंद्रों पर साफ दिख रहा है। कई केंद्रों पर धान की खरीदी धीमी पड़ गई है, जबकि धान उठाव पूरी तरह बंद है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान का खतरा है।
प्रदेश में धान खरीदी की स्थिति
1. धान खरीदी शुरू होने की तिथि:
राज्य में धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरू हो चुकी है।
2. लक्ष्य:
प्रदेश सरकार ने इस वर्ष 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है।
3. समस्याएं:
डाटा एंट्री ऑपरेटरों की हड़ताल।
राइस मिलर्स का उठाव बंद।
किसानों की लंबी कतारें।
दावा : राज्य में 50 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी
00 10.61 लाख किसानों को 10771 करोड़ रूपए का भुगतान
शिकायत एवं निवारण के लिए हेल्प लाइन नंबर 0771-2425463
प्रशासनिक तंत्र का दावा है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों से सुगमता पूर्वक धान की खरीदी की जा रही है। वहीं धान खरीदी व्यवस्था पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। राज्य में धान 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। अब तक लगभग 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के एवज में 10.61 लाख किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 10771 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। धान खरीदी के साथ-साथ मिलर्स द्वारा धान का उठाव भी शुरू कर दिया गया है। धान उठाव के लिए 3.13 लाख मीट्रिक टन धान के लिए डीओ जारी किया गया है, जिसके विरूद्ध 75 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आज 13 दिसम्बर को 78442 किसानों से 3.24 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। इसके लिए 93 हजार 160 से अधिक टोकन जारी किए गए थे।
राज्य सरकार धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर जारी किए है, जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले कोई भी किसान इस हेल्पलाइन नम्बर पर फोन कर अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।