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छत्तीसगढ़ में ग्राहक को मुर्गा समझ बैंक मैनेजर डकार गए 38000 का देसी मुर्गा, लोन के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार हुआ पोल्ट्री फार्म का संचालक

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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किसान से लोन के नाम पर धोखाधड़ी: पीड़ित का आरोप बैंक कर्मियों ने खाए मुर्गे, फिर भी नहीं मिला लोन

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मस्तूरी विकासखंड क्षेत्र में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शाखा में एक किसान के साथ धोखाधड़ी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सरगंवा गांव के निवासी और पोल्ट्री व्यवसायी बनने की कोशिश कर रहे रूपचंद मनहर ने 12 लाख रुपये के कृषि लोन के लिए आवेदन किया था। लेकिन उनकी मेहनत और उम्मीदों पर बैंक मैनेजर सुमन कुमार  ने पानी फेर दिया। किसान का आरोप है कि लोन दिलाने की एवज में उसे 38000 के देसी मुर्गी बैंक मैनेजर सहित अन्य कर्मचारी खा गए हैं।

लोन के बदले कमीशन की मांग

रूपचंद ने बताया कि उन्होंने अपने पोल्ट्री व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए लोन का आवेदन किया था। लेकिन बैंक मैनेजर ने लोन पास करने के लिए 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की। रूपचंद के अनुसार, उन्होंने बार-बार मैनेजर को समझाने की कोशिश की कि उनके पास इतनी बड़ी रकम नहीं है, फिर भी मैनेजर ने दबाव बनाकर उनसे कई बार रिश्वत ली।

बहाने  बनाते रहे

किसान का आरोप है कि मैनेजर ने उनके फार्म से 38 हजार रुपये के मुर्गे अपने लाभ के लिए मंगवाए और खा लिए। बावजूद इसके, लोन पास करने के नाम पर बहानेबाजी जारी रही। यह सिर्फ आर्थिक नुकसान नहीं था, बल्कि किसान की मेहनत और ईमानदारी का मजाक भी था।

किसान की शिकायत

लोन न मिलने और भ्रष्टाचार के कारण हताश रूपचंद ने यह मामला स्थानीय प्रशासन और बैंक के उच्च अधिकारियों के सामने रखा है। किसान ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ उनके साथ नहीं, बल्कि कई अन्य किसानों के साथ भी हो सकता है।

ग्रामीणों का गुस्सा और प्रशासन की जिम्मेदारी

घटना की जानकारी मिलते ही गांव के अन्य किसान और स्थानीय संगठन रूपचंद के समर्थन में आ गए। उन्होंने बैंक और प्रशासन से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं किसानों की स्थिति को और बदतर बना देती हैं और उनकी आर्थिक स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार करती हैं।

प्रशासन ने दिया जांच का आश्वासन

प्रशासन ने मामले की जांच शुरू करने का आश्वासन दिया है। बैंक के उच्च अधिकारियों का कहना है कि दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी। यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के शोषण और भ्रष्टाचार की एक बड़ी समस्या को उजागर करती है।

कहां से मिलता है लोन

बैंक पोल्ट्री व्यवसाय शुरू करने या विस्तार के लिए किसानों और उद्यमियों को लोन प्रदान करती हैं। यह लोन पशुपालन, मुर्गी फार्म बनाने, चूजे खरीदने, और पोल्ट्री फीड जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दिया जाता है।

भारत में राष्ट्रीयकृत बैंक, सहकारी बैंक, और ग्रामीण बैंक जैसे एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, और नाबार्ड के तहत कई योजनाएं उपलब्ध हैं। आमतौर पर, लोन आवेदन के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट, भूमि के दस्तावेज, और पोल्ट्री व्यवसाय का विस्तृत विवरण देना होता है।

सब्सिडी योजनाओं के तहत सरकार भी पोल्ट्री व्यवसाय को प्रोत्साहित करती है, जिससे ब्याज दरें कम हो सकती हैं।

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