“महादेव ऐप” विवाद: बघेल ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर “महादेव ऐप” से जुड़े मामले में केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों पर तीखे आरोप लगाए हैं। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने भाजपा पर “डबल इंजन” के तहत अफवाह फैलाने और महादेव ऐप के संचालकों को बचाने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकारें महादेव ऐप के विवाद में फंसे व्यक्तियों को संरक्षण दे रही हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी को लेकर झूठ फैलाया है और जनता को गुमराह किया जा रहा है। बघेल ने भाजपा नेताओं से माफी मांगने की मांग की है।
उनके अनुसार, केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों की “सेटिंग” हो चुकी है और वे ऐप संचालकों को बचाने के लिए सक्रिय हैं। इस बयान के साथ बघेल ने सवाल उठाया कि आखिर ये “प्रोटेक्शन मनी” किसके निर्देश पर दी जा रही है।
महादेव ऐप विवाद हाल ही में चर्चा का विषय बना है, जहां करोड़ों के घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। बघेल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए इसे सरकार की मिलीभगत बताया।
मामले ने राजनीतिक रंग लिया
यह विवाद अब राजनीतिक रंग ले चुका है, और इससे आगामी चुनावों में बड़े मुद्दे बनने की संभावना है। भाजपा की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
महादेव ऐप घोटाला: सौरभ चंद्राकर का नाम चर्चा में क्यों?
महादेव ऐप घोटाला क्या है?
महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप एक अवैध सट्टेबाजी प्लेटफ़ॉर्म है, जो भारत में अवैध रूप से संचालित किया जाता है। यह ऐप क्रिकेट मैच, ऑनलाइन गेमिंग और अन्य इवेंट्स पर सट्टा लगाने की सुविधा देता है। इसे उपयोगकर्ता व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म से जोड़कर संचालित करते हैं। घोटाले में करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला नेटवर्क का खुलासा हुआ है।
भारत में कानून के अनुसार, ऑनलाइन सट्टेबाजी गैरकानूनी है, लेकिन महादेव ऐप ने तकनीकी साधनों और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का उपयोग कर कानूनों से बचने की कोशिश की। इसे दुबई और अन्य देशों से संचालित किया जाता है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय धोखाधड़ी का बड़ा मामला बताया है।
सौरभ चंद्राकर कौन है?
सौरभ चंद्राकर छत्तीसगढ़ के भिलाई का निवासी है और महादेव ऐप का सह-संस्थापक है। चंद्राकर ने दुबई में बैठकर इस अवैध सट्टा ऐप का संचालन किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, उसने भारत के कई बड़े शहरों में अपने नेटवर्क फैलाए और राजनीतिक संरक्षण के कारण अपने ऑपरेशन्स को सफलतापूर्वक जारी रखा।
चंद्राकर का नाम तब सुर्खियों में आया जब उसकी भव्य शादी का वीडियो सामने आया, जिसमें कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए। ED की जांच में यह सामने आया कि उसने कई फर्जी कंपनियों और हवाला चैनलों का इस्तेमाल कर अवैध धन को सफेद किया।
ED की कार्रवाई:
प्रवर्तन निदेशालय ने सौरभ चंद्राकर और उसके सहयोगियों के खिलाफ कई छापे मारे और उनकी संपत्तियों को जब्त किया। अब तक इस मामले में 4000 करोड़ रुपये से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला है। चंद्राकर की गिरफ्तारी को लेकर भी कार्रवाई जारी है।महादेव ऐप घोटाला अब सिर्फ सट्टेबाजी का मामला नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और राजनीतिक संबंधों का एक बड़ा मुद्दा बन चुका है।