Latest news

सफेद चना ले लो…700 नशीली टेबलेट के साथ छोटा सौदागर गिरफ्तार, बड़ा सरगना नहीं लग रहा हाथ

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
3 Min Read

00 छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की सरकंडा पुलिस ने लिया एक्शन

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सरकंडा पुलिस ने सफेद चना के नाम पर मशहूर अवैध नशीली टेबलेट की बिक्री के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए चिंगराजपारा क्षेत्र से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी मयंक उर्फ सन्नी सूर्यवंशी (23 वर्ष) के कब्जे से प्रतिबंधित 700 नाइट्रोसन टेबलेट जब्त की गई है, जिनकी कीमत 3010 रुपये बताई जा रही है। आरोपी को एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत न्यायालय में पेश किया गया है।

क्या है पूरा मामला

सरकंडा थाना क्षेत्र में लंबे समय से नशीले पदार्थों की बिक्री की शिकायतें मिल रही थीं। पुलिस ने इस संबंध में मुखबिरों को तैनात किया था। 10 दिसंबर 2024 को मुखबिर ने सूचना दी कि चिंगराजपारा निवासी सन्नी सूर्यवंशी अपने घर में प्रतिबंधित नशीली टेबलेट बेच रहा है।

इस सूचना पर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उदयन बेहार, और नगर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बघेल के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी निलेश कुमार पांडेय ने टीम गठित की। पुलिस ने तुरंत छापेमारी कर आरोपी को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने नशीली टेबलेट बिक्री की बात स्वीकार की।

बरामद सामग्री

नशीली टेबलेट: 700 नग नाइट्रोसन

कुल कीमत: 3010 रुपये

आरोपी का विवरण

नाम: मयंक उर्फ सन्नी सूर्यवंशी

पिता का नाम: स्व. प्रहलाद सूर्यवंशी

उम्र: 23 वर्ष

पता: प्रभात चौक, चिंगराजपारा, सरकंडा

स्थानी नेटवर्क का है हिस्सा

पुलिस की प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि आरोपी स्थानीय नेटवर्क का हिस्सा है, जो आसपास के क्षेत्रों में नशीली सामग्रियां वितरित करता था। मामले में पुलिस अन्य संदिग्धों की पहचान और गिरोह के नेटवर्क तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

नशीली सामग्रियों के उपयोग और नुकसान

नशीली सामग्रियां:

1. नाइट्रोसन टेबलेट: आमतौर पर दर्द निवारक के रूप में इस्तेमाल, परंतु नशे के लिए दुरुपयोग।

2. ड्रग्स (इंजेक्शन): जैसे ब्राउन शुगर, हेरोइन।

3. गांजा और भांग: धूम्रपान या अन्य माध्यम से सेवन।

4. शराब और सॉल्वेंट: घरेलू उपयोग की वस्तुओं का नशे के लिए उपयोग।

5. नशीली सिरप: कोडीन आधारित सिरप, जिसे अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है।

नुकसान:

शारीरिक क्षति: लिवर, हृदय और मस्तिष्क को गंभीर नुकसान।

मानसिक स्वास्थ्य: अवसाद, भ्रम, और आत्महत्या की प्रवृत्ति।

आर्थिक हानि: नशे की लत से रोजगार और धन का नुकसान।

सामाजिक दुष्प्रभाव: परिवारों में तनाव और अपराधों में बढ़ोतरी।

नशीली सामग्रियों की आपूर्ति का नेटवर्क

स्रोत:

1. अंतरराज्यीय गिरोह: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और झारखंड जैसे राज्यों से ड्रग्स की आपूर्ति।

2. ऑनलाइन माध्यम: डार्क वेब और सोशल मीडिया पर लेन-देन।

3. स्थानीय विक्रेता: मेडिकल स्टोर्स या अवैध ठिकानों से वितरण।

खबर को शेयर करने के लिए क्लिक करे।।