धमतरी में बुजुर्ग महिला को घर से उठा ले गया तेंदुआ, जंगल में मिली अधखाई लाश
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में तीन अलग-अलग घटनाओं में तेंदुआ भालू और हाथी का आतंक सामने आया है। खासकर धमतरी जिले में तेंदुए का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार की रात मडेली गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां तेंदुआ घर में सो रही बुजुर्ग महिला को उठा ले गया। घटना के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचित किया। जब वन विभाग की टीम और ग्रामीणों ने जंगल में खोजबीन की तो महिला का अधखाया शव मिला। मृतका की पहचान 70 वर्षीय सुखवती के रूप में हुई है।
घटना के बाद पूरे गांव में भय और दहशत का माहौल है। लोग रात के समय घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से तेंदुए की मौजूदगी के संकेत मिल रहे थे, लेकिन वन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
वन विभाग की प्रतिक्रिया:
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है। वन विभाग ने तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पिंजरे और कैमरा ट्रैप लगाने की योजना बनाई है।
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “हम जल्द ही तेंदुए को पकड़ने के लिए अभियान शुरू करेंगे। ग्रामीणों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें और रात में बाहर न निकलें।”
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सूरजपुर में भालू के हमले से ग्रामीण घायल
सूरजपुर जिले में भी वन्यजीवों का आतंक देखने को मिला है। सुबह एक भालू ने जंगल से लगे गांव बड़वानी में घुसकर एक ग्रामीण पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल व्यक्ति को तत्काल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
घटना का विवरण: ग्रामीण जंगल के पास अपने खेत में काम कर रहा था, तभी अचानक भालू ने उस पर हमला कर दिया। शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और भालू को भगाया।
वन विभाग ने भालू की मौजूदगी को देखते हुए गांव में अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समूह में रहने और अकेले जंगल की ओर न जाने की सलाह दी है।
वन्यजीव हमलों के बढ़ते मामलों को देखते हुए, ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए प्रशासन और वन विभाग को जल्द ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
धमतरी जिले के नगरी क्षेत्र में हाथी के बच्चे का कहर, 3 साल की बच्ची की दर्दनाक मौत
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के नगरी क्षेत्र में वन्यजीवों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में अरसीकन्हार के बिलपानी गांव में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई, जहां एक हाथी के बच्चे ने एक तीन साल की मासूम बच्ची की जान ले ली। घटना गुरुवार देर रात की है, जब एक परिवार पर इस हमले ने पूरे गांव को दहशत में डाल दिया है।पीड़ित संजय कुमार ने बताया कि वह अपनी पत्नी और 3 साल की बेटी के साथ झोपड़ी में सो रहे थे। रात के समय अचानक एक हाथी का बच्चा गांव में घुस आया। हाथी ने अपनी सूंड़ से उनकी झोपड़ी का छप्पर उखाड़कर फेंक दिया। इसके बाद हाथी ने बच्ची को पकड़कर पटक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। झोपड़ी में सो रही महिला को भी हाथी ने कुचल दिया, जिससे उनकी भी जान चली गई।
वन विभाग की कार्रवाई:
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और हाथी के बच्चे को खदेड़ने का प्रयास किया। बताया जा रहा है कि हाथी का बच्चा घायल था, जिसे जंगल की ओर भगा दिया गया।
वन विभाग के अधिकारियों ने गांव में अलर्ट जारी कर दिया है और ग्रामीणों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि हाथी और अन्य वन्यजीव भोजन की तलाश में जंगल से गांव की ओर आ जाते हैं, जिससे इस तरह की घटनाएं होती हैं।
गांव में दहशत का माहौल:
इस दर्दनाक घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है और लोग दहशत में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को और सतर्कता बरतने की जरूरत है ताकि ऐसे हमलों को रोका जा सके।
वन विभाग के अधिकारी ने कहा, “हम हाथी की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और जल्द ही सुरक्षा के लिए और कदम उठाए जाएंगे। ग्रामीणों से अपील है कि वे रात के समय सतर्क रहें और समूह में रहें।”
जरूरत सुरक्षा उपायों की:
लगातार हो रही वन्यजीवों की घटनाओं ने जंगल से सटे क्षेत्रों में रह रहे ग्रामीणों के लिए खतरा बढ़ा दिया है। वन विभाग को तत्काल इन क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने और गांव वालों को जागरूक करने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।