00 छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में स्मार्ट सिटी के तहत चल रहा था नाली और सड़क निर्माण का काम, ठेकेदार के एक्सीवेटर चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए पाइप लाइन ही उखाड़ दिया
00 नगर निगम प्रशासन मरम्मत का खर्च ठेकेदार से वसूलेगा, ₹100000 खर्च आने की संभावना
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में स्मार्ट सिटी के तहत सनी श्री बाजार और रास्ता के आसपास नाली निर्माण और सड़क का काम चल रहा है। शनिवार की रातको जल आपूर्ति के लिए बनाए गए अमृत मिशन के विशाल जल टैंक से जुड़ी पाइपलाइन के अचानक फट जाने से लाखों लीटर पानी सड़कों पर बह गया। यह घटना शनिचरी बाजार रपटा के पास की है, जहां से गोंडपारा और आसपास के क्षेत्रों में जल आपूर्ति की जाती है। सुबह लगभग 10 बजे यह पाइपलाइन फटी और तेज़ी से बहते पानी ने पूरे बाजार को जलमग्न कर दिया। इस घटना से न केवल पानी की भारी बर्बादी हुई बल्कि स्थानीय दुकानदारों और निवासियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा।
क्या था हाल
स्थानीय निवासियों के अनुसार, सुबह के समय जब जल आपूर्ति चालू की गई, तब पाइपलाइन अचानक तेज़ आवाज़ के साथ फट गई। पानी इतनी तेज़ी से बह रहा था कि सड़कें नदी की तरह दिखने लगीं। दुकानदारों की दुकानों में पानी घुसने लगा, जिससे उनका सामान खराब हो गया। कई इलाकों में लोग घुटनों तक पानी में चलते दिखाई दिए। स्थानीय प्रशासन को सूचना मिलने के बाद जल आपूर्ति बंद की गई, लेकिन तब तक लाखों लीटर पानी बर्बाद हो चुका था।
व्यापारियों को भी नुकसान
इस घटना ने न केवल पानी की आपूर्ति बाधित की बल्कि बाजार के कई दुकानदारों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ा। पानी के बहाव के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, और यातायात बाधित हो गया। क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल था, और लोग इस अव्यवस्था के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे थे।
अमृत मिशन योजना पर सवाल
बिलासपुर शहर को ‘स्मार्ट सिटी’ बनाने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे अमृत मिशन योजना (Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation) के तहत जल आपूर्ति और सीवरेज नेटवर्क में सुधार के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में 24/7 जल आपूर्ति सुनिश्चित करना और आधुनिक बुनियादी ढांचा प्रदान करना है।
हालांकि, इस घटना ने इस योजना की सफलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अमृत मिशन के तहत जिन पाइपलाइनों को नया और मजबूत बताया गया था, वे इतनी जल्दी खराब कैसे हो सकती हैं? हालांकि इस पाइप को एक्सीवेटर ने क्षतिग्रस्त किया है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि पाइपलाइन में तकनीकी खामी के कारण यह समस्या हुई। संबंधित ठेकेदार और परियोजना अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, और जल्द ही इस समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया गया है। जल विभाग के प्रभारी अनुपम तिवारी का कहना है कि पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने के बाद भी पुराने लाइन के माध्यम से पानी की आपूर्ति की गई ।इसके कारण आम लोगों को पानी की समस्या नहीं हुई।
घटना से सचेत होने की जरूरत
- रखरखाव पर ध्यान – जल आपूर्ति नेटवर्क का नियमित निरीक्षण और मरम्मत अनिवार्य है।
- जवाबदेही सुनिश्चित करना – ठेकेदारों और परियोजना प्रबंधकों को उनकी जिम्मेदारी के लिए जवाबदेह ठहराना चाहिए।
- स्थायी समाधान – अमृत मिशन योजना के तहत बनाई गई पाइपलाइनों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र जांच आवश्यक है।
- स्थानीय जागरूकता – नागरिकों को पानी की बर्बादी रोकने और किसी भी खराबी की तुरंत रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
जल प्रबंधन की खामियां हुई उजागर
यह घटना जल प्रबंधन की खामियों को उजागर करती है। अमृत मिशन योजना का उद्देश्य शहर को बेहतर बुनियादी ढांचा प्रदान करना है, लेकिन इस तरह की घटनाएं योजना की प्रभावशीलता को कमजोर करती हैं। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी समस्याएं दोबारा न हों और जल संसाधनों का कुशल प्रबंधन किया जाए।
जानिए क्या है अमृत मिशन योजना
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में अमृत मिशन योजना शहरी विकास और बुनियादी सुविधाओं के सुधार के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह योजना मुख्य रूप से पेयजल, स्वच्छता, पर्यावरणीय संरक्षण, और यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने पर केंद्रित है। बिरकोना स्थित वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में खूंटा घाट जलाशय से आने वाले पानी को साफ किया जाता है।इस योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
प्रमुख उद्देश्य और कार्य
1. पेयजल की आपूर्ति: बिलासपुर के हर घर को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए व्यापक कार्य किए जा रहे हैं। पानी की बर्बादी रोकने के लिए वॉटर मीटर लगाए जा रहे हैं, जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
2. स्वच्छता और सीवरेज सुधार: नए सीवरेज सिस्टम के तहत जलभराव और गंदगी की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। इससे जलजनित रोगों पर काबू पाने में मदद मिलेगी।
3. पर्यावरणीय संरक्षण: शहर में नए पार्कों का निर्माण और पुराने पार्कों का नवीनीकरण किया जा रहा है। इससे नागरिकों को हरियाली में समय बिताने का अवसर मिलेगा और शहरी क्षेत्रों में प्राकृतिक संतुलन कायम रहेगा।
4. यातायात सुधार: यातायात जाम को कम करने के लिए सड़क चौड़ीकरण, फुटपाथों का निर्माण, और ट्रैफिक सिग्नलों की स्थापना की जा रही है। साथ ही सार्वजनिक परिवहन को भी सुदृढ़ किया जा रहा है।
चुनौतियां
कार्य की धीमी प्रगति: योजना के तहत कुछ परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पाई हैं, जिससे नागरिकों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।
वित्तीय संसाधनों की कमी: परियोजनाओं की लागत को पूरा करने के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रबंधन की आवश्यकता है।
सामाजिक सहभागिता: इस योजना को सफल बनाने के लिए नागरिकों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
लाभ
इस योजना के तहत बिलासपुर के शहरी जीवन को अधिक सुविधाजनक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं:
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और जल आपूर्ति।
पर्यावरण संरक्षण के जरिए शहर का सौंदर्यीकरण।
यातायात और स्वच्छता में सुधार।
विकास में एक बड़ा कदम
अमृत मिशन योजना बिलासपुर के शहरी विकास में एक बड़ा कदम है, जो सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के साथ सतत विकास सुनिश्चित करती है। हालाँकि, इस योजना की सफलता के लिए क्रियान्वयन की गति और सामुदायिक जागरूकता पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।