00निशान यात्रा में बाबा के जयकारों की गूंज
बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में खाटू श्याम कार्तिक शुक्ल पक्ष में खाटू श्याम बाबा की निशान यात्रा निकाली जाती है । जिसके मध्य नजर रविवार को पंचमुखी हनुमान मंदिर से खाटू श्याम के भक्तों ने धूमधाम के साथभव्य निशान यात्रा निकाली जो शहर के मुख्य मार्ग होते हुए बाबा के दरबार पहुंचकर समाप्त हुई।
रविवार को हारे का सहारा बाबा श्याम की निशानी यात्रा मारवाड़ी समाज के लोगों ने धूमधाम से निकली इस मौके पर सत्यम चौक स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर स्थित खाटू श्याम के दरबार से यह निशान यात्रा प्रारंभ हुई जो मध्य नगरी चौक सदर बाजार गोल बाजार तेलीपारा होते हुए वापस पंचमुखी हनुमान मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई इस दौरान भक्त हाथों में बाबा का निशान लिए उनके जय घोष के साथ आगे बढ़ रहे थे जिससे पूरे यात्रा में धार्मिक में माहौल नजर आया इस मौके पर बाबा के भजनों के साथ उनके भक्त पूरी तरह से भक्ति में ली नजर आए हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को इसी तरह से बाबा की निशान यात्रा आयोजित होती है जिसमें भक्त श्रद्धा के साथ शामिल होते हैं।बाबा खाटूश्यामजी के भक्त केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हैं. खाटू श्याम पर जो निशान चढ़ाया जाता है, उसे झंडा कहते हैं. सनातन धर्म में ध्वज को विजय के प्रतीक के तौर पर माना जाता है. कहते है कि यह निशान यानी की झंडा श्याम बाबा द्वारा दिए गए बलिदान और दान का प्रतीक है.
– मान्यताओं के अनुसार, धर्म की जीत के लिए बाबा खाटू श्यामजी जिन्हें हम महाभारतकाल में बर्बरीक के नाम से जानते हैं, उन्होंने भगवान कृष्ण के कहने पर अपना शीश उनको समर्पित कर दिया था और युद्ध में पांडवों के विजयी का श्रेय भी भगवान श्री कृष्ण को दिया था.निशान यात्रा एक तरह से पदयात्रा होती है, निशान यात्रा में नंगे पांव चलकर भगवान के मंदिर तक पहुंचकर निशाना चढ़ाना बहुत उत्तम माना जाता है. इस यात्रा को श्रीश्याम ध्वज का निशान भी कहा जाता है।