00 छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में निकाय चुनाव के पहले ही कांग्रेस में कलह
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के कांग्रेस भवन में हुए विवाद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस विवाद में पूर्व महापौर राजेश पांडेय और जिला कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री सुबोध हरितवाल के बीच तीखी बहस हुई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने राजेश पांडेय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। शहर अध्यक्ष विजय पांडेय द्वारा जारी इस नोटिस में राजेश पांडेय से 24 घंटे के भीतर लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है। इससे पूर्व महापौर पर निलंबन की तलवार लटक गई है।
यह विवाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की उपस्थिति में शुरू हुआ था। आरोप है कि राजेश पांडेय ने बैठक के दौरान सुबोध हरितवाल के साथ असंसदीय भाषा का प्रयोग किया और दुर्व्यवहार किया। पार्टी नेतृत्व ने इसे अनुशासनहीनता की श्रेणी में लेते हुए तत्काल कार्रवाई की।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा, “कांग्रेस एक अनुशासित पार्टी है। किसी भी स्तर पर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से उम्मीद की जाती है कि वे संगठन के नियमों और मर्यादाओं का पालन करें।”
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि इस घटना से संगठन की छवि प्रभावित हो सकती है। इसलिए, इस मामले में त्वरित कार्रवाई की गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे अनुशासनात्मक प्रक्रिया के दायरे में लाने के निर्देश दिए थे।
राजेश पांडेय की प्रतिक्रिया
“यह विवाद किसी व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम नहीं है। बैठक में कुछ मुद्दों पर असहमति थी, जो चर्चा के दौरान तीखी बहस में बदल गई। मैंने किसी के प्रति असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं किया है। मैं पार्टी का एक समर्पित कार्यकर्ता हूं और हमेशा संगठन के हित में काम करता रहा हूं।
मैने शिकायत नहीं की : हरितवाल
कांग्रेस भवन में बुधवार को हुई घटना की शिकायत उन्होंने नहीं की है। इस मामले में पीसीसी से उन्हें किसी तरह का नोटिस भी नहीं मिला है
इस घटना ने बिलासपुर की कांग्रेस राजनीति में हलचल मचा दी है। पार्टी नेतृत्व के सामने चुनौती है कि इस विवाद को जल्द सुलझाए और संगठन में अनुशासन बनाए रखे। सभी की निगाहें अब राजेश पांडेय के जवाब और शहर जिला कांग्रेस कमेटी की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।