बिलासपुर ।छत्तीसगढ़ शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ की मुख्य बैठक आज गीता पैलेस में आयोजित की गई, जिसमें प्रदेशभर के विक्रेताओं ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य छत्तीसगढ़ में शासकीय मूल्य दुकानों से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना और उन पर समाधान के लिए ठोस कदम उठाने के लिए एकजुटता दिखाना था। बैठक के दौरान संघ के सदस्य निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हुए अपने सुझाव और निर्णय साझा करेंगे।प्रदेश अध्यक्ष श्री रामदेव सिन्हा, प्रदेश सचिव ऋषि उपाध्याय प्रदेश , श्रीमती लक्ष्मीनिया महिला अध्यक्ष प्रदेश के समस्त जिला अध्यक्ष प्रदेश पदाधिकारी एवं प्रदेश के सभी ब्लॉक अध्यक्ष बैठक में उपस्थित रहे।
1. कमीशन वृद्धि और विक्रेताओं की आय में सुधार
बैठक का सबसे अहम एजेंडा छत्तीसगढ़ में शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर विक्रेताओं को मिलने वाले कमीशन में वृद्धि का था। विक्रेताओं का कहना है कि प्रदेश में वर्षों से कमीशन में कोई वृद्धि नहीं की गई है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सीजीएफएसए कार्ड पर मात्र ₹30 प्रति क्विंटल दिया जा रहा है, जबकि NFSA राशन कार्ड के तहत अन्य राज्यों में ₹90 प्रति क्विंटल का मार्जिन दिया जा रहा है। विक्रेताओं ने मांग की है कि उन्हें भी कम से कम ₹300 प्रति क्विंटल या ₹30,000 मासिक आय गारंटी के रूप में दी जाए। उनके अनुसार, एक ही प्रकार का कार्य करने के बावजूद दो अलग-अलग मापदंड क्यों लागू किए जा रहे हैं, यह समझ से परे है। संघ ने इस पर विचार-विमर्श करते हुए राज्य सरकार से जल्द से जल्द कमीशन की वृद्धि करने की अपील की है।
2. भारत सरकार द्वारा NFSA राशन कार्ड में कमीशन वृद्धि का मुद्दा
भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2022 से NFSA राशन कार्ड पर कमीशन ₹70 से बढ़ाकर ₹90 कर दिया था, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे 1 अप्रैल 2024 से लागू किया। इस देरी के कारण विक्रेताओं को दो साल का अतिरिक्त आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। संघ के सदस्य इस मुद्दे को लेकर उच्च न्यायालय में जाने पर विचार कर रहे हैं और चाहते हैं कि इस वृद्धि को 1 अप्रैल 2022 से लागू किया जाए ताकि विक्रेताओं को इस नुकसान की भरपाई हो सके।
3. खाद्यान्न वितरण में सुधार की आवश्यकता
बैठक में खाद्यान्न वितरण के दौरान होने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की गई। विक्रेताओं का कहना है कि खाद्यान्न की चोरी और शॉर्टेज की घटनाएं बढ़ रही हैं, और इसे रोकने के लिए खाद्यान्न तौलने और वितरण के लिए epos मशीन में सुधार की जरूरत है। इसके तहत, एक साफ्टवेयर विकसित करने की योजना है, जिससे खाद्यान्न की तौल सही तरीके से हो सके और इसके वितरण के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके। इसके अलावा, CGFSA और NFSA योजना का वितरण एक साथ करने के लिए epos सॉफ्टवेयर में सुधार की आवश्यकता जताई गई है, ताकि वितरण की प्रक्रिया सरल, सुलभ और त्वरित हो सके।
4. अनावश्यक राशन कटौती पर रोक लगाने की मांग
संघ ने छत्तीसगढ़ खाद्य विभाग द्वारा अनावश्यक राशन आवंटन कटौती पर रोक लगाने की मांग की है। विक्रेताओं का कहना है कि इस तरह की कटौती उनके कामकाजी हालात को और खराब कर रही है। संघ के सदस्य इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ सरकार को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लेने वाले हैं ताकि इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द किया जा सके।
5. उच्च न्यायालय में लंबित मामला
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक महत्वपूर्ण याचिका दायर की गई थी, जिसका विषय खाद्य विभाग की अनियमितताओं और राशन वितरण प्रणाली की समस्याओं को लेकर था। 24 अप्रैल 2023 को यह याचिका दायर की गई थी, और 27 अप्रैल 2023 को इसकी सुनवाई भी हुई थी। उच्च न्यायालय ने सरकार को नोटिस जारी किया था और कहा था कि 2 सप्ताह के भीतर पिटिशन में दायर भौतिक सत्यापन (फिजिकल रिपोर्ट) न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। लेकिन अब तक छत्तीसगढ़ खाद्य विभाग ने इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया है। विक्रेताओं ने इस मुद्दे पर सुझाव दिए हैं कि उच्च न्यायालय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए, ताकि इस मामले का समाधान जल्द हो सके।
फैसला होने की संभावना
छत्तीसगढ़ शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ की यह बैठक विक्रेताओं की समस्याओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। संघ के सदस्य एकजुट होकर इन मुद्दों पर प्रभावी कार्यवाही करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अगर सरकार और संबंधित विभाग इन समस्याओं पर गंभीरता से विचार करें, तो न केवल विक्रेताओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की राशन वितरण प्रणाली भी अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनेगी।

