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छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड की सख्ती: 42 किराएदारों का एग्रीमेंट रद्द, अब बाजार दर पर देना होगा किराया

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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00 बिलासपुर शहर के चांटापारा और भाटापारा के 42 किराएदार है जद में

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने राज्य में वक्फ संपत्तियों के बेहतर उपयोग और राजस्व वृद्धि की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। बिलासपुर जिले के चाटापारा और भाटापारा क्षेत्र में स्थित वक्फ संपत्तियों पर वर्षों से जमे 42 किरायेदारों के पुराने किराया एग्रीमेंट को निरस्त कर दिया गया है। अब इन सभी को सरकारी गाइडलाइन के अनुसार नई बाजार दर पर किराया देना होगा।

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने बताया कि यह कार्रवाई संशोधित वक्फ कानून के प्रावधानों के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य वक्फ की संपत्तियों का समाज हित में सदुपयोग करना है। वर्षों से इन संपत्तियों पर कब्जा जमाए किरायेदार महज 20 से 400 रुपए प्रतिमाह तक किराया दे रहे थे, जिससे वक्फ बोर्ड को सालभर में सिर्फ 23 हजार रुपए की आमदनी हो रही थी।

नई व्यवस्था के तहत अब सालाना किराया बढ़कर लगभग 5.40 लाख रुपए हो जाएगा। वक्फ बोर्ड ने निर्देश दिया है कि किराएदार पुराने बकाया किराए को चार किस्तों में अदा करें। साथ ही, सभी को नया एग्रीमेंट कराना अनिवार्य होगा।

डॉ सलीम राज, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड।

डॉ. सलीम राज ने कहा कि वक्फ की संपत्तियां समाज की अमानत हैं और उनका उपयोग समाज के कल्याण के लिए होना चाहिए। इस निर्णय से प्राप्त राशि का उपयोग शैक्षणिक, सामाजिक और स्वास्थ्य सेवाओं में किया जाएगा।

नए वक्फ कानून का असर:
यह कार्रवाई स्पष्ट संकेत है कि संशोधित वक्फ कानून का असर अब छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रहा है। इससे वक्फ संपत्तियों पर पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी, वहीं समुदाय को भी इन संपत्तियों का प्रत्यक्ष लाभ मिल सकेगा।

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