

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत जमीन अधिग्रहण घोटाले में घिरे थे पटवारी
Bilaspur Chhattisgarh बिलासपुर। बिलासपुर में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत जमीन अधिग्रहण घोटाले में घिरे पटवारी सुरेश कुमार मिश्रा ने आत्महत्या कर ली। आरोपों और एफआईआर के दबाव के बीच, उन्होंने अपने बहन के फार्म हाउस में फांसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया। घटनास्थल से बरामद सुसाइड नोट ने मामले को और रहस्यमयी बना दिया है।
विस्तृत विवरण:
बिलासपुर: भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत जमीन अधिग्रहण में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे पटवारी सुरेश कुमार मिश्रा की आत्महत्या से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। उनका शव सकरी थाना क्षेत्र के ग्राम जोंकी स्थित उनकी बहन के फार्म हाउस में फांसी के फंदे पर झूलता हुआ मिला।
घटनाक्रम:
सुरेश मिश्रा पर आरोप था कि उन्होंने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में अनियमितताओं को अंजाम दिया था। इस मामले में तोरवा थाने में दो दिन पहले उनके खिलाफ तत्कालीन तहसीलदार के साथ एफआईआर दर्ज हुई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया था।
पुलिस की कार्रवाई:
घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही, एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है, जिसमें उन्होंने अपनी बात लिखी है। पुलिस इस नोट के आधार पर मामले की तहकीकात कर रही है।
पारिवारिक स्थिति और संभावित कारण:
सूत्रों के अनुसार, एफआईआर और निलंबन के बाद से सुरेश मिश्रा मानसिक तनाव में थे। परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे बीते कुछ दिनों से काफी चिंतित और असामान्य व्यवहार कर रहे थे।
भारतमाला प्रोजेक्ट पर सवाल:
इस घटना ने भारतमाला प्रोजेक्ट की पारदर्शिता और प्रबंधन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। परियोजना के तहत भ्रष्टाचार के आरोपों की यह पहली घटना नहीं है, लेकिन एक अधिकारी की आत्महत्या ने इस प्रकरण को और जटिल बना दिया है।
जांच में जुटी है पुलिस
पटवारी सुरेश मिश्रा की आत्महत्या कई सवालों को जन्म देती है। यह घटना एक ओर जहां प्रशासनिक तंत्र की कमजोरियों को उजागर करती है, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती है। पुलिस और प्रशासन अब इस मामले की गहराई से जांच में जुटे हैं।