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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बदहाल है ट्रैफिक व्यवस्था, यातायात पुलिस और आरटीओ की नाकामी ने नो एंट्री में बेखौफ होकर दौड़ रहे हाइवा ने ले ली सिक्योरिटी गार्ड की जान

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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00 हाई कोर्ट भी है नाराज

00 शहर के भीतर और आसपास भी रोज हो रही घटनाएं

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल है। इसी कड़ी में बिलासपुर में गुरुवार को तेज रफ्तार हाइवा ने बाइक सवार सिक्योरिटी गार्ड का काम करने वाले युवक को टक्कर मार दी, जिससे युवक का सिर वाहन के नीचे आ गया। जिससे उसकी मौत हो गई। घटना सरकंडा थाना क्षेत्र की है। दरअसल, शहर में नो एंट्री में बेधड़क भारी वाहन दौड़ रहे है, जिससे आए दिन दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। फिर भी जिम्मेदार अफसर इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

अशोक नगर चौक में जाम की स्थिति निर्मित हो गई थी।

जानकारी के अनुसार कोटा के पिपरतराई निवासी संजय कुर्रे (25) पिता सोन दास कुर्रे सिक्यूरिटी गार्ड का काम करता था। इसके साथ ही वो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहा था। गुरुवार दोपहर वो सीपत चौक से राजकिशोर नगर तरफ जा रहा था। अभी बाइक सवार युवक अशोक नगर चौक के पास पहुंचा था। उसी समय तेज रफ्तार हाईवा ने उसे कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

जाम की स्थिति निर्मित हो गई।
दूसरे वाहन से टकराकर गिरा युवक
बताया जा रहा है कि युवक अपनी बाइक पर सवार था। इसी दौरान सामने चल रहे किसी दूसरी गाड़ी वाले ने अचानक गेट खोला, जिससे ठोकर लगने से वह पीछे से आ रहे हाईवा की चपेट में आ गया और पहिए के नीचे दब गया।

हादसे के बाद लगा जाम, मौके पर पहुंची पुलिस
इस हादसे के बाद अशोक नगर चौक के पास जाम की स्थिति निर्मित हो गई। लोगों की भीड़ के चलते दोनों तरफ से वाहनों की कतार लगी रही। खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, जिसके बाद युवक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। फिर पुलिस ने जाम हटवा कर वाहनों की आवाजाही शुरू कराई।

हाइवा जब्त
नो एंट्री फिर भी बेधड़क दौड़ रहे भारी वाहन
शहर में दिन के समय में नो एंट्री है। ऐसे में शहर के भीतर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। लेकिन, शहर के सभी मुख्य मार्गों में नो एंट्री में लगातार भारी वाहनों की आवाजाही चल रही है। इसके चलते हादसे भी हो रहे हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार अफसर नो एंट्री में चलने वाले वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं करते।

बदहाल ट्रैफिक-कोर्ट कमिश्नर करेंगे पड़ताल और हाई कोर्ट को सौंपेंगे रिपोर्ट

डिवीजन बेंच ने कोर्ट कमिश्नरों को 28 दिनों की दी मोहलत
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने खराब ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर कोर्ट कमिश्नरों को प्रदेशभर के ट्रैफिक सिस्टम की पड़ताल करने और रिपोर्ट पेश करने कहा है। इसके लिए डिवीजन बेंच ने कोर्ट कमिश्नरों को 28 दिन का समय दिया है। पीआइएल की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी। बता दें कि पूर्व में राज्य शासन द्वारा पेश रिपोर्ट को नाकाफी बताते हुए डिवीजन बेंच ने नाराजगी जताई थी। साथ ही कोर्ट कमिश्नरों ने पूरी रिपोर्ट पेश करने कहा था। सोमवार को पीआइएल की सुनवाई हुई।
प्रदेश की खराब ट्रैफिक सिस्टम के कारण हो रही सडक दुर्घटनाओं को लेकर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। सडक पर आवारा मवेशियों के जमा होने से लेकर भारी वाहनों की चपेट में आकर मारे जा रहे मवेशियों का भी उल्लेख पीआइएल की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने किया था। आवारा मवेशियों की सुरक्षित जगह पर शिफ्टिंग के अलावा यातायात व्यवस्था की पड़ताल करने और रिपोर्ट पेश करने के लिए अधिवक्ता प्रांजल अग्रवाल व रविंद्र शर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है। बीते सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नरों ने डिवीजन बेंच को बताया था कि बिलासपुर और आसपास कई प्रमुख मार्गों पर निरीक्षण के बाद यह जानकारी मिली कि सडकों से मवेशियों को हटाने की कोई योजना ही नहीं है। सुबह जिन मवेशियों को हटाया जाता है , शाम को फिर वहीं पर वापस आ जाते हैं। जब तक नगर निगम, नगर पंचायत , पंचायत जैसे स्थानीय प्रशासन समुचित उपाय नहीं करेंगे इसका हल नहीं निकलेगा।
0 अस्पालों में पार्किंग ही नहीं,दुर्घटना की बड़ी वजह यह भी
कोर्ट कमिश्नरों ने रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया था कि शहर के भीतर संचालित हो रहे निजी अस्पतालों में पार्किंग ही नहीं है। अस्पताल आने वाले मरीज, परिजन व जान पहचान वाले वाहनों को सड़क किनारे पार्क कर दे रहे हैं। सड़कों के किनारे वाहनों को अव्यवस्थित रखने के कारण भी दुर्घटनाएं बढ़ रही है।
0 फुटपाथ पर कब्जा भी बड़ा कारण
रिपोर्ट में फुटपाथ पर कब्जा करने के कारण भी सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ाेतरी को कारण बताया है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन की विफलता को भी बडा़ कारण बताया है।
0 एनएचएआइ की रिपोर्ट में पांच खतरनाक ब्लैक स्पाट
एनएचएआइ के अफसरों ने बीते सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच को इस बात की रिपोर्ट पेश करते हुए बताया था कि प्रदेश में पांच ऐसे खतरनाक ब्लैक स्पाट हैं जहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही है। एनएचएआइ की रिपोर्ट में सेंदरी चौक भी शामिल है।

हर साल हजारों की जा रही जान

छत्तीसगढ़ में सड़क हादसे चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं। राज्य में हर साल हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा रहे हैं। हाल ही में मिले आंकड़ों के अनुसार, 2023 में प्रदेश में 13,463 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज हुईं, जिनमें 5,967 लोगों की मृत्यु हुई और 11,851 लोग घायल हुए। रायपुर जिला इनमें सबसे अधिक प्रभावित रहा है। केवल 2024 के पहले 8 महीनों में 1413 दुर्घटनाओं में 388 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में हादसों में प्रतिवर्ष लगभग 4.43% की वृद्धि हो रही है। दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों में तेज रफ्तार, लापरवाही, और नियमों का उल्लंघन शामिल हैं। विशेष रूप से, नो-एंट्री क्षेत्रों में भारी वाहन दुर्घटनाओं की दर अधिक पाई गई है​​​​।

सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण:

  1. नो-एंट्री का उल्लंघन: भारी वाहनों का नो-एंट्री जोन में प्रवेश एक बड़ी समस्या है। इन क्षेत्रों में माल वाहक गाड़ियों का आवागमन न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन करता है बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ाता है। अधिकांश हादसे रात में होते हैं जब ट्रकों और भारी वाहनों को प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश मिलता है​​।
  2. तेज रफ्तार और लापरवाही: तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाना राज्य में सबसे बड़ा कारण है। राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर 80% हादसे तेज रफ्तार के कारण होते हैं​​।
  3. सड़क पर मवेशी: राज्य के कई हिस्सों में सड़कों पर मवेशियों का घूमना भी एक गंभीर समस्या है। मवेशियों की वजह से 2024 में अब तक कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इस मुद्दे पर हाईकोर्ट ने भी सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं​​।
  4. सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी: हेलमेट और सीट बेल्ट का न पहनना, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, दुर्घटनाओं में वृद्धि का कारण है। दोपहिया वाहन चालकों की दुर्घटनाओं में मृत्यु दर काफी अधिक है​​।

क्या हो सकता है

छत्तीसगढ़ पुलिस “मार्गमित्र” योजना के तहत ब्लैक स्पॉट्स की निगरानी कर रही है। जागरूकता बढ़ाने और ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करवाने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। ट्रैफिक नियमों के सख्त पालन और सुरक्षित ड्राइविंग से ही इन दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।

बिलासपुर में एक दर्जन से अधिक ब्लैक स्पॉट

बिलासपुर में वर्तमान में 14 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जो सड़क दुर्घटनाओं के लिए अत्यंत खतरनाक माने जाते हैं। इन ब्लैक स्पॉट्स में पिछले 5 वर्षों में कुल 1,265 मौतें हो चुकी हैं, और इनमें से 822 मौतें केवल इन 14 स्थानों पर हुईं। रतनपुर मार्ग सबसे अधिक दुर्घटना-प्रवण क्षेत्र है​​​​।

यह है मुख्य ब्लैक स्पॉट्स:

  1. रतनपुर मार्ग
  2. सेदरी थाना क्षेत्र
  3. तिफरा चौक
  4. महाराणा प्रताप चौक

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई:

निरीक्षण अभियान: कलेक्टर और एसपी नियमित रूप से इन ब्लैक स्पॉट्स का निरीक्षण कर सुधार कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं​​।

सुरक्षा उपाय: इन क्षेत्रों में सड़क संकेतक, स्पीड ब्रेकर, और उचित रोशनी की व्यवस्था की जा रही है​​।

प्रशासनिक निर्देश: ट्रैफिक नियमों के उल्लंघनकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई और जुर्माने लगाए जा रहे हैं, विशेष रूप से भारी वाहनों के नो-एंट्री नियम का पालन सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस तैनात की गई है​​।

यह कदम दुर्घटनाओं को कम करने और सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के प्रयास में किए जा रहे हैं।

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