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सिम्स बिलासपुर में बेसिक एवं एडवांस कार्डियक लाइफ स्पोर्ट प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ, देश के प्रख्यात चिकित्सक दे रहे प्रशिक्षण

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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Bilaspur बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS), बिलासपुर में आज से तीन दिवसीय बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) एवं एडवांस कार्डियक लाइफ सपोर्ट (ACLS) प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस बहुप्रतीक्षित प्रशिक्षण का आयोजन एनेस्थीसिया विभाग द्वारा मेडिकल एजुकेशन यूनिट के सहयोग से किया जा रहा है। यह कार्यशाला 15 मई से 17 मई 2025 तक चलेगी, जिसमें पोस्टग्रेजुएट छात्रों एवं युवा डॉक्टरों को आपातकालीन परिस्थितियों में जीवनरक्षा के तकनीकी और नैतिक पहलुओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
डीन डॉ. रमणेश मूर्ति ने किया उद्घाटन
कार्यशाला का उद्घाटन CIMS के डीन डॉ. रमणेश मूर्ति ने दीप प्रज्वलन कर किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा:
“ऐसे प्रशिक्षण आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था की रीढ़ हैं। प्रशिक्षित डॉक्टरों की उपस्थिति समाज के लिए सुरक्षा कवच जैसी होती है। हम CIMS को देश का एक अग्रणी प्रशिक्षण संस्थान बनाना चाहते हैं, जहाँ शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक दक्षता भी विकसित हो।”
राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक कर रहे प्रशिक्षण
इस प्रशिक्षण में देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से आए विशेषज्ञ डॉक्टर विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रशिक्षकों की सूची निम्नानुसार है:
• डॉ. राकेश कुमार – मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज (MAMC), नई दिल्ली
• डॉ. शक्ति दत्त शर्मा – मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज (MAMC), नई दिल्ली
• डॉ. मधुमिता मूर्ति – विभागाध्यक्ष, एनेस्थीसिया, CIMS, बिलासपुर
• डॉ. शिल्पा खन्ना – एसोसिएट प्रोफेसर, GMC अंबिकापुर
• डॉ. आयुषी गुप्ता – GMC अंबिकापुर
• डॉ. भट्टाचार्य – कंसल्टेंट, इमरजेंसी मेडिसिन, अपोलो हॉस्पिटल, बिलासपुर
• डॉ. विनय सोनी – कंसल्टेंट, इमरजेंसी मेडिसिन, अपोलो हॉस्पिटल, बिलासपुर
मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज, दिल्ली के डॉक्टरों की उपस्थिति ने इस कार्यशाला को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवपूर्ण बना दिया है।
क्या होता है BLS और ACLS?
• BLS (Basic Life Support) – यह प्रशिक्षण व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट जैसी आकस्मिक स्थितियों में त्वरित CPR, कृत्रिम श्वसन और प्राथमिक जीवनरक्षक तकनीकें सिखाता है।
• ACLS (Advanced Cardiac Life Support) – यह एक उच्च स्तरीय प्रशिक्षण है, जिसमें कार्डियक मॉनिटरिंग, मेडिकेशन एडमिनिस्ट्रेशन, डिफिब्रिलेशन, एयरवे मैनेजमेंट जैसी जटिल विधियों का अभ्यास कराया जाता है।
मरीजों की जान बचाने में होगा सीधा लाभ
CIMS के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. लखन सिंह ने कहा:
“यह प्रशिक्षण CIMS अस्पताल की आपात सेवाओं की गुणवत्ता को नई ऊंचाई देगा। प्रशिक्षित चिकित्सक सड़क दुर्घटनाओं, कार्डियक अरेस्ट, हार्ट अटैक जैसी परिस्थितियों में जान बचाने में सक्षम होंगे।”
कार्यशाला की आयोजक व एनेस्थीसिया विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मधुमिता मूर्ति ने बताया:
“हमारा उद्देश्य है कि हर युवा डॉक्टर जीवनरक्षक तकनीकों में दक्ष हो, ताकि किसी भी आपात स्थिति में वह सही निर्णय ले सके। पहले दिन की सहभागिता और छात्रों की सक्रियता उत्साहजनक रही। आने वाले दो दिन और अधिक गहन प्रशिक्षण के लिए समर्पित रहेंगे।”
इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ. भूपेंद्र कश्यप, डॉ. संगीता जोगी, डॉ. जे.पी. स्वैन, डॉ. प्रशांत निगम विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने इस प्रशिक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए आयोजकों को बधाई दी।
आने वाले दो दिन:
कार्यशाला के दूसरे और तीसरे दिन चिकित्सकों को उन्नत कार्डियक केस सिमुलेशन, डिफिब्रिलेटर तकनीक, मेडकिट प्रबंधन और टीम बेस्ड रिस्पॉन्स पर व्यावहारिक अभ्यास कराया जाएगा। प्रशिक्षकों द्वारा केस आधारित चर्चा और वीडियो डेमो भी प्रस्तुत किए जाएंगे।
इस तरह की कार्यशालाएं न केवल चिकित्सा शिक्षा को सुदृढ़ करती हैं, बल्कि समाज को सुरक्षित और जागरूक बनाती हैं। प्रशिक्षित डॉक्टरों की संख्या जितनी बढ़ेगी, आकस्मिक मृत्यु दर उतनी ही घटेगी। CIMS बिलासपुर इस दिशा में एक प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।

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