0 बम स्क्वॉड के साथ पहुंचे कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक, विमान की जांच की गई पर नहीं मिला बम
0 विमान में बैठे यात्रियों की थमी रही सांस
बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित बिलासा देवी एयरपोर्ट में कोलकाता से दिल्ली जा रही फ्लाइट को बम से उड़ने की धमकी मिली। इसकी खबर लगते ही बम स्क्वॉड के साथ-साथ कलेक्टर ,पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद पूरे विमान की जांच की गई, लेकिन किसी भी तरह का कोई बम नहीं मिला। जांच में संतुष्टि के बाद फ्लाइट को गंतव्य के लिए रवाना किया गया। इस दौरान यात्रियों की दिल की धड़कन तेज हो गई थी
बिलासपुर जिले के बिलासा देवी एयरपोर्ट में गुरुवार को बिलासपुर-कोलकाता की फ़्लाइट में बम होने सुचना मिली। जिसके बाद एयरपोर्ट में हड़कंप मच गया। तत्काल कलेक्टर, एसपी के नेतृत्व बम स्क्वाड और तकनीकी जानकारों की टीम मौके पर पहुंची । पूरी फ्लाइट की बारीकी से जांच की गई। जब बम नहीं मिला तो फ्लाइट को रवाना किया गया, इस दौरान यात्री काफी दहशत में थे। समाचार लिखे जाने तक मामले की जांच जारी थी।
बड़ी संख्या में मिली धमकी
मालूम हो कि सुरक्षा को लेकर सरकार की सख्ती के बाद भी विमानों को बम से उड़ाने की धमकी मिलने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। देश की प्रमुख एयरलाइनों को एक बार फिर से बम धमकी मिली है, जिसमें इंडिगो, एयर इंडिया, विस्तारा और अकासा एयर शामिल हैं। गअकासा एयर के प्रवक्ता ने बताया कि 24 अक्टूबर को कुछ विमानों को सिक्योरिटी अलर्ट मिले हैं। अकासा एयर की इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीमें स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और सुरक्षा व नियामक अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं। स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर सभी सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं।सूत्रों के मुताबिक, इंडिगो, एयर इंडिया और विस्तारा की 20 उड़ानों को बम धमकी मिली है। कुल मिलाकर 70 से अधिक विमानों की उड़ानें प्रभावित हुई हैं। इससे यात्रियों और क्रू सदस्यों के बीच चिंता बढ़ गई। हालात को संभालने के लिए सभी एयरलाइनों ने अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू किया है। इसके अलावा इंडिगो के 20, अकासा के 25 और विस्तारा के 20 विमानों को बम धमकी मिली है।पिछले 11 दिनों में भारत की अलग-अलग एयरलइन्स कंपनियों की करीब 250 उड़ानों को बम धमकियों का सामना करना पड़ा है। सुरक्षा एजेंसियों ने इन सभी घटनाओं को गंभीरता से लिया है और जांच की जा रही है। हालांकि, अब तक इन धमकियों में कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, जिसे देखते हुए कई धमकियों को “होक्स कॉल” माना जा रहा है।