Latest news

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ , 10 नक्सलियों  के मारे जाने की खबर

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
5 Min Read

नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता

छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के भेज्जी थाना क्षेत्र में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। इसमेंम   10 नक्सलियों के शव बरामद किए जाने की खबर है। हालांकि समाचार लिखे जाने तक इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं हो सकी है। यह मुठभेड़ जनवरी से नवंबर तक जारी नक्सल विरोधी अभियान का हिस्सा है, जिसमें अब तक कुल 207 नक्सली मारे जा चुके हैं। बस्तर IG सुंदरराज पी ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए कहा कि मौके से AK-47, इंसास, SLR सहित अन्य हथियार भी बरामद किए गए हैं।

सुकमा के SP किरण चव्हाण ने इसे बड़ी सफलता बताया है। उन्होंने कहा कि जवान अभी भी मौके पर हैं, और उनके लौटने के बाद और अधिक जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।

ओडिशा के रास्ते CG में घुसे थे नक्सली
जानकारी के अनुसार, बड़ी संख्या में नक्सली ओडिशा के रास्ते छत्तीसगढ़ बॉर्डर में घुसे थे। सुरक्षा बलों को पहले से ही सूचना मिल गई थी कि भेज्जी के जंगल में नक्सलियों का जमावड़ा हो रहा है। इसी सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जिसके दौरान मुठभेड़ हुई।

इससे पहले भी ओडिशा पुलिस के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हो चुकी थी, जिसमें एक नक्सली मारा गया था और एक जवान घायल हुआ था। इसके बाद से ही छत्तीसगढ़ की सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर थीं।

सुरक्षा बलों की मुस्तैदी
इस ऑपरेशन से यह साफ है कि सुरक्षा बलों की सतर्कता और तैयारियों के चलते नक्सलियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। यह अभियान सुरक्षा बलों की एक बड़ी जीत मानी जा रही है।

छत्तीसगढ़ में अब तक की सबसे बड़ी नक्सली मुठभेड़ में 29  नक्सली मारे गए थे

हाल ही में छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच एक बड़ी मुठभेड़ हुई, जिसमें 29 नक्सली मारे गए। यह मुठभेड़ बस्तर संभाग में सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन का हिस्सा थी, जिसे “सर्जिकल स्ट्राइक” बताया जा रहा है। इस ऑपरेशन में मारे गए नक्सलियों में शंकर राव जैसे टॉप कमांडर भी शामिल थे, जिन पर 25 लाख का इनाम था​​​​।

मुठभेड़ का विवरण:

स्थान: मुठभेड़ नारायणपुर और कांकेर जिले के सीमावर्ती माड़ क्षेत्र में हुई।

ऑपरेशन का समय: मुठभेड़ लगभग चार घंटे तक चली और सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी करते हुए सर्च अभियान चलाया​​।

नतीजे: मारे गए नक्सलियों में से कई की पहचान हो चुकी है। इसके अलावा, मुठभेड़ के बाद बड़ी मात्रा में हथियार भी बरामद हुए हैं​​।

सुरक्षाबलों की रणनीति: इस ऑपरेशन में विशेष रूप से डीआरजी और बीएसएफ की टीमों ने हिस्सा लिया। जवानों ने घेराबंदी कर नक्सलियों को भागने का कोई रास्ता नहीं दिया​​।

सुरक्षा बलों की स्थिति हुई मजबूत

छत्तीसगढ़ में यह मुठभेड़ नक्सल विरोधी अभियान में एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि इस ऑपरेशन से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की स्थिति और मजबूत हुई है।

2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का टारगेट

छत्तीसगढ़ में 2000 में राज्य गठन के बाद से अब तक नक्सल विरोधी अभियानों में हजारों नक्सली मारे गए हैं। एक अनुमान के मुताबिक, 2011 से 2020 के बीच लगभग 656 नक्सली मारे गए थे। इसके बाद, 2021 से 2024 तक की बड़ी मुठभेड़ों में भी सुरक्षा बलों ने कई नक्सलियों को ढेर किया है। 2024 में ही कांकेर जिले की एक मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए, जो अब तक की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक थी।

हाल के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, माओवादी गतिविधियों में पिछले कुछ वर्षों में कमी देखी गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ के बस्तर, सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले अभी भी सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इस दौरान कई शीर्ष नक्सली नेताओं को भी मार गिराया गया है। गृह मंत्रालय के अनुसार, नक्सल प्रभावित जिलों में हिंसा पर नियंत्रण के प्रयास जारी हैं और 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का लक्ष्य है​​​​​​।

समाचार का अपडेट जारी है

खबर को शेयर करने के लिए क्लिक करे।।