ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन शिकायत लेकर पहुंचा, ग्रामीणों में भी है नाराजगी
0-छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एनटीपीसी सीपत से निकलने वाले ओवरलोड ट्रकों पर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की दी चेतावनी
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित एनटीपीसी सीपत प्लांट से निकलने वाले राख से भरे ओवरलोड ट्रकों के कारण ग्रामीणों और स्थानीय लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। इन ट्रकों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर भारी मात्रा में राख ढोई जाती है, जिससे न केवल सड़कों की स्थिति बिगड़ गई है, बल्कि ग्रामीणों का जीवन भी संकट में पड़ गया है।
सड़कों की हालत खराब रोज हो रही दुर्घटनाएं
एनटीपीसी सीपत से राख ले जाने वाले ट्रक तय सीमा से अधिक भार ढो रहे हैं। रायपुर की कुछ कंपनियों द्वारा ट्रकों को ओवरलोड कर भेजा जा रहा है, जिसके कारण सड़कों की हालत दिन-प्रतिदिन खराब हो रही है। भारी वजन से सड़कें जगह-जगह टूट चुकी हैं, और टूटे हुए मार्गों के कारण राहगीरों का आना-जाना मुश्किल हो गया है।
इसके अलावा, इन ट्रकों में खुले में राख ढोई जाती है, जिससे उड़ने वाली राख और धूल आसपास के क्षेत्रों में फैल रही है। यह न केवल ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है, बल्कि स्थानीय पर्यावरण के लिए भी हानिकारक साबित हो रही है। सड़कों पर गुजरने वाले राहगीरों और स्थानीय निवासियों को लगातार इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय संगठनों की पहल:
इन समस्याओं को लेकर क्षेत्रीय ट्रांसपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन, सीपत ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एनटीपीसी से निकलने वाले ट्रकों पर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि वे पहले भी कई बार इस मुद्दे को लेकर परिवहन विभाग, थाना प्रभारियों और एसडीएम मस्तूरी को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
स्वास्थ्य और जीवन पर खतरा:
ग्रामीणों का कहना है कि उड़ने वाली राख की धूल के कारण सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। स्थानीय निवासी सड़कों पर चलने से भी परहेज कर रहे हैं। इन हालात में न तो पर्यावरण सुरक्षित है, न ही लोगों का स्वास्थ्य।
मुख्यमंत्री से अपील:
एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस गंभीर समस्या का समाधान जल्द से जल्द किया जाए। उन्होंने ओवरलोडिंग रोकने, राख के परिवहन के लिए सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने, और सड़कों की मरम्मत के लिए कदम उठाने की मांग की है।
ग्रामीणों को उम्मीद है कि सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए जल्द कार्रवाई करेगी, जिससे उनका जीवन सामान्य हो सके।