00 उमस और भीषण गर्मी से राहत का है लोगों को इंतजार
बिलासपुर जिले में मानसून का आगमन हर साल एक नई उम्मीद और चुनौती लेकर आता है। जून 2025 में अब तक बारिश के आंकड़े बताते हैं कि मौसम का मिजाज स्थिरता से दूर होता जा रहा है। पिछले 10 वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो बारिश की स्थिति में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं।


जिला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जून 2025 में अब तक बिलासपुर जिले में औसतन 3.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है। यह आंकड़ा पिछले कुछ वर्षों की तुलना में बेहद कम है। खासकर 2020 और 2015 जैसे वर्षों की तुलना में, जब जून के महीने में औसत बारिश 150 मिमी से अधिक थी।
00 उमस और भीषण गर्मी से राहत का है लोगों को इंतजारबिलासपुर जिले में मानसून का आगमन हर साल एक नई उम्मीद और चुनौती लेकर आता है। जून 2025 में अब तक बारिश के आंकड़े बताते हैं कि मौसम का मिजाज स्थिरता से दूर होता जा रहा है। पिछले 10 वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो बारिश की स्थिति में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं।पिछले वर्षों की तुलना:विशेषज्ञों की राय:
- बिल्हा और मस्तूरी: दोनों इलाकों में बारिश के आंकड़े 5.2 मिमी और 2.4 मिमी दर्ज हुए हैं, जो औसत से काफी कम हैं।
- कोटा और बेलतरा: इन क्षेत्रों में 10-15 मिमी तक बारिश हुई, जो अपेक्षाकृत अधिक है।
- चंपा और अन्य क्षेत्र: अन्य क्षेत्रों में औसत बारिश लगभग 7-10 मिमी के बीच रही।
पिछले वर्षों की तुलना:
- 2015: इस साल जून के पहले सप्ताह में ही लगभग 100 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
- 2020: 172.3 मिमी बारिश के साथ मानसून ने जोरदार दस्तक दी थी।
- 2025: इस वर्ष अब तक औसत मात्र 25 मिमी रही, जो चिंता का विषय है।
विशेषज्ञों की राय:
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश की अस्थिरता बढ़ रही है। जून के महीने में औसत बारिश में कमी दर्शाती है कि मानसून के पैटर्न में बदलाव हो रहा है।
बारिश के घटते आंकड़े न केवल कृषि पर असर डाल रहे हैं बल्कि जल संकट की संभावनाओं को भी बढ़ा रहे हैं। जिले में जल संरक्षण और मॉनसून की बेहतर योजना बनाना अब समय की मांग है।