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बिलासपुर पुलिस का सराहनीय प्रयास: संवेदनशीलता और तत्परता से बचाई गईं दो मासूम जिंदगियां

Mohammed Israil
Mohammed Israil  - Editor
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00 ग्रीन कॉरिडोर बनाया, मध्य नगरी से एयरपोर्ट पहुंचने में लगे महज 20 मिनट, बच्चियों को किया गया एयरलिफ्ट

00 एयर एंबुलेंस से पहुंचे थे विशेषज्ञ चिकित्सक

Bilaspur, बिलासपुर
बिलासपुर पुलिस ने एक बार फिर से अपनी संवेदनशीलता और तत्परता का परिचय देते हुए इंसानियत की एक अद्भुत मिसाल पेश की। शहर की यातायात पुलिस ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्री रजनीश सिंह के नेतृत्व में ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण कर प्रीमैच्योर जुड़वां बच्चों को सुरक्षित एयर एंबुलेंस तक पहुंचाया। इन मासूमों को हैदराबाद के एक बड़े अस्पताल में त्वरित और उच्च-स्तरीय इलाज के लिए ले जाया गया।

संवेदनशीलता और तत्परता का अनूठा उदाहरण

मध्य नगरी स्थित एक निजी अस्पताल में दो प्रीमैच्योर बच्चों की हालत गंभीर थी। जन्म के तुरंत बाद उनकी स्थिति अत्यंत नाजुक हो गई थी, उनका वजन बेहद कम था और प्लेटलेट्स का स्तर भी चिंताजनक था। उनके परिजनों ने हैदराबाद के विशेषज्ञ अस्पताल में इलाज कराने का निर्णय लिया, लेकिन चुनौती यह थी कि इन नवजातों को बिलासपुर के चकरभाठा एयरपोर्ट तक सुरक्षित और शीघ्र पहुंचाया जाए।

इस चुनौती को देखते हुए, एसएसपी श्री रजनीश सिंह ने ग्रीन कॉरिडोर बनाने का आदेश दिया। ग्रीन कॉरिडोर वह विशेष व्यवस्था है, जिसके तहत एंबुलेंस के मार्ग को पूरी तरह यातायात-मुक्त कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया न केवल त्वरित होती है, बल्कि मरीजों को किसी भी प्रकार की बाधा से मुक्त रखते हुए सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में सहायक होती है।

योजना और क्रियान्वयन की मिसाल

बिलासपुर यातायात पुलिस ने तत्काल हरकत में आते हुए मध्य नगरी के निजी अस्पताल से चकरभाठा एयरपोर्ट तक के मार्ग को चिह्नित किया। एएसपी ट्रैफिक रामगोपाल करियारे और उनकी टीम ने सभी चौराहों और प्रमुख स्थलों पर पुलिस बल तैनात कर यातायात को नियंत्रित किया।

दोपहर 12:30 बजे, एंबुलेंस को अस्पताल से रवाना किया गया। पूरे मार्ग को यातायात मुक्त रखते हुए टीम ने न केवल एंबुलेंस को सुगम मार्ग प्रदान किया, बल्कि यह सुनिश्चित किया कि किसी भी प्रकार की देरी न हो।

शहरवासियों का सहयोग और पुलिस की कर्तव्यनिष्ठा

शहरवासियों ने भी इस अभियान में अद्भुत सहयोग दिखाया। ग्रीन कॉरिडोर के दौरान किसी भी नागरिक ने बाधा उत्पन्न नहीं की। हर चौराहे पर पुलिसकर्मी मुस्तैद रहे, और “नो मेन्स-नो वेहिकल” की नीति के तहत एंबुलेंस को एयरपोर्ट तक सुगमता से पहुंचाया गया।

इस कार्य में एसएसपी रजनीश सिंह खुद पल-पल की जानकारी लेते रहे और एएसपी ट्रैफिक ने व्यक्तिगत रूप से एंबुलेंस की पायलटिंग की।

हैदराबाद से पहुंची डॉक्टरों की टीम

बच्चों की गंभीर स्थिति को देखते हुए, हैदराबाद के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम पहले ही बिलासपुर के अस्पताल पहुंच चुकी थी। उनकी निगरानी में बच्चों को विशेष उपकरणों के साथ एयर एंबुलेंस में शिफ्ट किया गया।

पुलिस का अटूट संकल्प और सफलता

यह ग्रीन कॉरिडोर बिलासपुर पुलिस के इतिहास में एक और मील का पत्थर साबित हुआ। पहले भी पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर की मदद से कई जानें बचाई हैं, लेकिन यह मामला दो मासूम जुड़वां बच्चों का था, जिनकी जिंदगी हर सेकंड पर निर्भर थी।

मानवता की मिसाल

यह अभियान न केवल पुलिस की कार्यकुशलता को दर्शाता है, बल्कि यह साबित करता है कि इंसानियत के लिए तत्परता और संवेदनशीलता का कोई विकल्प नहीं है। बिलासपुर पुलिस ने न केवल बच्चों को सुरक्षित एयरपोर्ट पहुंचाया, बल्कि उनके स्वस्थ होने की कामना भी की।

पुलिस की अपील और भविष्य की योजनाएं

इस पूरे अभियान के दौरान पुलिस ने नागरिकों से सहयोग की अपील की थी, जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला। बिलासपुर पुलिस का यह प्रयास न केवल शहर में बल्कि पूरे राज्य में सराहा जा रहा है।बिलासपुर पुलिस की इस संवेदनशील पहल ने दिखा दिया कि सही दिशा और समर्पण के साथ हर कठिन चुनौती को पार किया जा सकता है। हम दुआ करते हैं कि ये नन्हीं जिंदगियां जल्द ही स्वस्थ होकर अपने घर लौटें।

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