00 सीनियर अधिकारियों की अनदेखी का भी लगाया आरोप
बिलासपुर। राज्य में पदोन्नति प्रक्रिया में कथित भेदभाव और प्रभावशाली अधिकारियों को प्राथमिकता देने के विरोध में सोमवार को राज्य कर्मचारी संघ ने कलेक्टर कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और मांग की कि सीनियर अधिकारियों की अनदेखी बंद कर, रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति की जाए।
यह है आरोप
सीनियर अधिकारियों की उपेक्षा:
संघ का आरोप है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और कृषि विभाग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कई पद रिक्त हैं, लेकिन इसके बावजूद जूनियर अधिकारियों को प्रमोट कर सीनियर कर्मचारियों की उपेक्षा की जा रही है।
प्रभावशाली अधिकारियों को प्राथमिकता
संघ के सचिव अभिषेक तिवारी ने बताया कि विभागों में प्रभावशाली अधिकारियों को पदोन्नति में प्राथमिकता दी जा रही है। इससे योग्य और वरिष्ठ अधिकारियों का मनोबल टूट रहा है और विभागीय कार्यों की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।
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संघ की मुख्य मांगें:
1. पदोन्नति में भेदभाव बंद हो।
2. रिक्त पदों पर वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति की जाए।
3. प्रमाणवाद पर रोक लगे।
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प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी
संघ के अध्यक्ष रमेश द्विवेदी ने कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही इन मांगों पर कार्रवाई नहीं की, तो राज्य भर में आंदोलन तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा, “सीनियर अधिकारियों के साथ अन्याय सहन नहीं किया जाएगा। सरकार को जल्द से जल्द उचित कदम उठाना होगा।”
क्या कहा कर्मचारियों ने
संघ के सदस्यों ने कहा कि यह केवल एक प्रदर्शन की शुरुआत है। यदि सरकार ने पदोन्नति प्रक्रिया में सुधार नहीं किया तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी होगा। उन्होंने मांग की कि सरकार योग्य और वरिष्ठ अधिकारियों को उनका हक दे और विभागों में खाली पदों पर तुरंत नियुक्ति की जाए।
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इन भागों में चल रही भर्राशाही
प्रमुख विभाग:
शिक्षा विभाग
स्वास्थ्य विभाग
तकनीकी शिक्षा विभाग
कौशल विकास विभाग
कृषि विभाग
क्या है मुख्य मुद्दा
जूनियर अधिकारियों की प्राथमिकता
प्रभावशाली अधिकारियों का प्रमोशन
रिक्त पदों की अनदेखी
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सरकार को है चेतावनी
राज्य कर्मचारी संघ की यह लड़ाई केवल पदोन्नति की मांग नहीं, बल्कि सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और योग्यता आधारित पदोन्नति को सुनिश्चित करने की है। कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इस मुद्दे पर उचित कदम नहीं उठाए गए तो यह विरोध राज्यव्यापी आंदोलन का रूप ले लेगा।