बिलासपुर। WHO द्वारा प्रतिवर्ष 18 से 24 नवंबर के बीच विश्व AMR (Antimicrobial Resistance) जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है। इस वर्ष (2024) की थीम “Educate, Advocate & Act Now” रखी गई है, जो एंटीबायोटिक्स के सही उपयोग और प्रतिरोध के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाने पर केंद्रित है।
इस कड़ी में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (GGV), बिलासपुर के माइक्रोबायोलॉजी विभाग और बॉटनी विभाग ने संयुक्त रूप से 18 नवंबर को एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के सीनियर डीन डॉ. रमेश मूर्ति ने किया। उद्घाटन सत्र में विशेष अतिथि के रूप में मैसर्स जैन इंटरनेशनल के 200 से अधिक छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस. अयूबली, प्रो-वाइस चांसलर डॉ. प्रीति कुमारी, और प्रमुख शिक्षाविदों ने एंटीबायोटिक्स के विवेकपूर्ण उपयोग और अनावश्यक दवाओं के खतरों पर प्रकाश डाला। विशेषज्ञ वक्ताओं, जैसे डॉ. वी. के. सिंह और डॉ. रेखा त्रिपाठी, ने एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध के बढ़ते संकट और इसके निवारण के उपायों पर गहन चर्चा की।
कार्यक्रम में पोस्टर प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता और स्लोगन लेखन जैसी गतिविधियां भी आयोजित की गईं, जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपने रचनात्मक विचार प्रस्तुत किए। इन प्रतियोगिताओं ने छात्रों के बीच स्वास्थ्य और स्वच्छता के महत्व को समझाने में अहम भूमिका निभाई।
आयोजकों ने घोषणा की कि इस अभियान का समापन 21 नवंबर 2024 को CME (Continuous Medical Education) कार्यक्रम के साथ होगा, जिसमें एंटीबायोटिक्स के सही इस्तेमाल पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।
कार्यक्रम ने न केवल छात्रों और प्रतिभागियों के बीच जागरूकता बढ़ाई, बल्कि एंटीबायोटिक्स के सही उपयोग और इसके दुरुपयोग के परिणामों के प्रति गंभीरता से सोचने के लिए प्रेरित किया।