


Bilaspur। बिलासपुर स्थित सिम्स अस्पताल ने 24 अप्रैल 2025 को एक अभूतपूर्व घटना में त्वरित और प्रभावी उपचार व्यवस्था स्थापित करते हुए 58 से अधिक मरीजों का सफल इलाज किया। यह घटना ग्राम टुकुड़ीह के एक वैवाहिक कार्यक्रम में हुई, जहां खाने-पीने के दौरान कुछ लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए।
घटना का विवरण
शाम लगभग 5 बजे इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने उल्टी, दस्त, पेट दर्द और कमजोरी की शिकायत की। सिम्स अस्पताल को इस आपात स्थिति की जानकारी मिलते ही त्वरित कार्रवाई की गई। अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस के माध्यम से 23 गंभीर मरीजों को तुरंत आईसीयू और इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया। इसके अलावा, 28 अन्य मरीजों को मेडिकल वार्ड में स्थानांतरित किया गया।
त्वरित और संगठित उपचार व्यवस्था


सिम्स अस्पताल के निदेशक डॉ. रमेश मूर्ति और अधीक्षक डॉ. लखन सिंह के नेतृत्व में इस चुनौतीपूर्ण स्थिति को संभालने के लिए विशेष टीम गठित की गई। डॉ. अमित ठाकुर, डॉ. जयचंद्र चंद्रवंशी, डॉ. आयुषी कोरी और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने मरीजों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की।
आईसीयू में भर्ती मरीजों को डिहाइड्रेशन और अन्य जटिलताओं से बचाने के लिए विशेष चिकित्सा दी गई। अस्पताल प्रशासन ने सभी मरीजों को 8-10 घंटे की निगरानी में रखा, जिसमें उनकी स्थिति को लगातार मॉनिटर किया गया।
मरीजों की स्थिति में सुधार
सभी मरीजों को आवश्यक दवाएं और तरल पदार्थ दिए गए, जिससे अधिकांश की स्थिति अगले 2-3 दिनों में स्थिर हो गई। अस्पताल ने मरीजों और उनके परिजनों को आश्वस्त करते हुए बताया कि समय पर उपचार मिलने के कारण कोई भी जानलेवा स्थिति उत्पन्न नहीं हुई।
सामुदायिक स्वास्थ्य में योगदान
इस घटना ने सिम्स अस्पताल की सामुदायिक सेवा और आपातकालीन परिस्थितियों को संभालने की क्षमता को प्रदर्शित किया। मरीजों और उनके परिजनों ने अस्पताल के कर्मचारियों की प्रशंसा की। एक मरीज के परिजन ने कहा, “सिम्स अस्पताल ने हमारी उम्मीद से बढ़कर सेवा दी है। हम इस प्रयास के लिए आभारी हैं।”
भविष्य के लिए प्रयास
डॉ. रमेश मूर्ति ने कहा कि यह घटना अस्पताल के समर्पित स्टाफ और आधुनिक चिकित्सा तकनीकों के समुचित उपयोग का परिणाम है। उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल ऐसी आपात स्थितियों के लिए हमेशा तैयार है और समय-समय पर इस प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए अभ्यास किया जाता है।