कांग्रेस और भाजपा के कई दिग्गज को दूसरे वार्ड की करनी होगी तलाश
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर नगर निगम के 70 वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। यह प्रक्रिया कलेक्ट्रेट सभागार में सभी राजनीतिक दलों की उपस्थिति में संपन्न हुई। आरक्षण सूची के जारी होने के बाद शहर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। वार्ड आरक्षण के कारण कांग्रेस और भाजपा के कई दिग्गज नेता उलझ गए हैं। कांग्रेस की ओर से निगम के सभापति शेख नजीरुद्दीन, योग आयोग के पूर्व सदस्य रविंद्र सिंह, सीनियर पार्षद राम बघेल, संध्या तिवारी, सीताराम जायसवाल को वार्ड आरक्षण से झटका लगा है। इन पार्षदों के वार्ड महिला और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गए हैं। भाजपा की ओर से अशोक विधानी, राजेश सिंह, दुर्गा सोनी सुमित अन्य दिग्गज रणनीति बनाने में जुट गएहैं।
नई सूची के मुताबिक, कई वार्डों में बदलाव हुआ है, जिसके चलते भाजपा और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता आगामी चुनाव में अपनी दावेदारी पेश नहीं कर पाएंगे। खासतौर पर कुछ वार्ड महिला आरक्षित और अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं। इससे दोनों प्रमुख दलों को अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा।
आरक्षण प्रक्रिया के दौरान सभी दलों के प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। हालांकि, कई नेताओं ने आरक्षण की प्रक्रिया पर असंतोष भी व्यक्त किया। आगामी चुनावों में इस आरक्षण का प्रभाव शहर की राजनीति और समीकरणों पर साफ दिखेगा।
बदलते समीकरणों के बीच नई पीढ़ी और स्थानीय नेताओं को अब अवसर मिल सकता है। वहीं, प्रमुख दलों को नए चेहरों को आगे लाना होगा, जिससे राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव की संभावना बनी हुई है।