बिलासपुर। शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025-26 में छत्तीसगढ़ के लिए कोई विशेष योजना या परियोजना की घोषणा नहीं की गई। हालांकि, राष्ट्रीय स्तर पर घोषित योजनाओं और नीतियों का अप्रत्यक्ष लाभ राज्य को मिल सकता है, लेकिन छत्तीसगढ़ के लिए अलग से किसी बड़े पैकेज या योजना की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
बजट में छत्तीसगढ़ के लिए क्या नहीं है?
- विशेष परियोजनाओं की कमी:
राज्य के लिए रेलवे, स्वास्थ्य, और अधूरी पड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए कोई नई घोषणा नहीं हुई। रायपुर-बलौदा-रायगढ़ रेल लाइन और नई राजधानी क्षेत्र में एम्स जैसी परियोजनाओं को नजरअंदाज किया गया। - बिहार पर फोकस:
विपक्ष ने आरोप लगाया कि बिहार में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने मखाना बोर्ड जैसी विशेष योजनाएं पेश कीं, जबकि छत्तीसगढ़ को प्राथमिकता नहीं दी गई। - महंगाई और बेरोजगारी:
बजट में महंगाई कम करने और बेरोजगारी से निपटने के लिए ठोस रोडमैप की कमी स्पष्ट है।
राष्ट्रीय योजनाओं का संभावित लाभ
- कृषि क्षेत्र:
- किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 5 लाख रुपये तक बढ़ाई गई, जिसका लाभ छत्तीसगढ़ के किसानों को मिलेगा।
- कृषि और सिंचाई के लिए केंद्र की योजनाओं से राज्य कुछ संसाधन प्राप्त कर सकता है।
- महिला सशक्तिकरण:
- अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के लिए स्टार्टअप योजना शुरू की गई, जो राज्य के जनजातीय क्षेत्रों की महिलाओं के लिए उपयोगी हो सकती है।
- अधोसंरचना विकास:
- केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को 1.5 लाख करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण देने की योजना से छत्तीसगढ़ को हिस्सा मिलेगा, जिससे आधारभूत संरचना के विकास और रोजगार सृजन में मदद हो सकती है।
- मध्यम वर्ग को राहत:
- 12 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट से राज्य के मध्यम वर्गीय परिवारों की वित्तीय स्थिति बेहतर हो सकती है।
बजट पर प्रतिक्रियाएं
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बजट की सराहना करते हुए इसे मध्यम वर्ग और किसानों के लिए राहत देने वाला बताया। वहीं, कांग्रेस ने इसे निराशाजनक और छत्तीसगढ़ के साथ भेदभावपूर्ण बताया। कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि यह बजट महंगाई और बेरोजगारी जैसी चुनौतियों से निपटने में नाकाम है और केवल झूठे वादों और खोखले दावों से भरा है।